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फरीदाबाद की बहुमंजिला इमारतों की होगी जांच
प्रवीन कौशिक | Jul 03, 2013, 05:53AM IST
फरीदाबाद. सरकारी महकमों के अधिकारियों से मिलीभगत कर मल्टीस्टोरी बिल्डिंग की आड़ में नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले अब बच नहीं पाएंगे। जल्द ही शहर के सभी मॉल्स, हास्पिटल, नर्सिग होम, स्कूल, फ्लैट की गगनचुंबी इमारतों सहित अन्य कॉमर्शियल बिल्डिंगों की जांच डीसी द्वारा गठित कमेटी द्वारा पूरी कर ली जाएगी।
डीसी करेंगे निगरानी: इस बार बड़ी बात यह है कि कमेटी की डीसी खुद निगरानी कर रहे हैं।
कमेटी की जांच के दौरान हाल ही में शहर के दो बड़े मॉल में बिजली विभाग ने कुछ कमियां पाई हैं। इन कमियों के कारण मॉल संचालक को नोटिस भी भेजा जा चुका है। इनका चालान भी किया जा चुका है। मॉल में पाई गई कमियों को दूर करने के लिए विभाग के अधिकारियों ने 10 दिन का समय दिया है। अभी मॉल में चेकिंग करने वाले कई विभागों की रिपोर्ट आना बाकी है। इसके बाद दूसरे चरण में अन्य मॉल की जांच की जाएगी। मॉल्स में रोजाना हजारों लोगों का आवागमन होता है। इसलिए छोटी सी खामी बड़ी दुर्घटना का कारण भी बन सकती है।
क्यों लिया गया निर्णय
9 दिसंबर 2012 को नहरपार सेक्टर-88 एसआरएस रेजीडेंसी के कंपाउंड में बन रहे एक स्कूल की बहुमंजिला इमारत ताश के पत्तों की तरह ढह गई। इस बिल्डिंग में 6 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे ने समूचे प्रशासन को हिलाकर रख दिया था। भूपानी थाने में एसआरएस के डायरेक्टर, स्कूल की साइट मालिक, ठेकेदार सहित कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद अब डीसी ने शहर की सभी बहुमंजिला इमारतों की जांच के लिए कमेटी बना दी है। कमेटी का चेयरमैन एसडीएम फरीदाबाद को बनाया गया है। कमेटी डीसी को रिपोर्ट करेगी।
क्या मिली खामियां
सेक्टर-9 स्थित बिजली विभाग के जेई देवेंद्र गुप्ता के अनुसार पहले उन्होंने क्राउन प्लाजा का निरीक्षण किया था। इसके बाद सेक्टर-37 स्थित क्राउन इंटीरियर का निरीक्षण किया। दोनों जगह कुछ कमियां
पाई गईं। मॉल्स के अंदर रखे ट्रांसफार्मर में सिल्क जिली बदलने की जरूरत थी। अन्यथा ट्रांसफार्मर फूंक सकता है। ट्रांसफार्मर के पास अर्थ पिक करने वाले गड्ढे चिह्न्ति नहीं थे। आसमानी बिजली से बचाव के लिए अर्थिग व्यवस्था भी ठीक नहीं थी। रबड़ मेट स्टैंडर्ड के मुताबिक नहीं थे, इससे करंट लगने का भय रहता है। मोटर्स व स्विच में डबल अर्थिग नहीं थी। यदि डबल अर्थिग न हो तो करंट लगने का डर रहता है। यदि मॉल के संचालकों ने कमियों को दूर नहीं किया तो इनकी बिजली सप्लाई भी बंद की जा सकती है।
कौन-कौन हैं कमेटी में
डीसी द्वारा गठित की गई कमेटी में जिला नगर योजनाकार, पॉल्यूशन विभाग के अधिकारी, बिल्डिंग एंड रोड विभाग के अधिकारी, इलेक्ट्रिक विभाग के एक्सईएन, फायर विभाग शामिल हैं। कमेटी बहुमंजिला इमारतों की जांच करेगी। प्रथम चरण में शहर के दो बड़े मॉल क्राउन प्लाजा व क्राउन इंटीरियर को चुना गया है। इसके बाद अन्य बहुमंजिला बिल्डिंगों की जांच की जाएगी।
नहरपार हो सख्त जांच
नहरपार ग्रेटर फरीदाबाद वेलफेयर एसोसिएशन के प्रवक्ता अजय यादव का कहना है कि अगर कमेटी में नियुक्त अधिकारियों ने ठीक प्रकार से जांच की तो नहरपार कई बिल्डरों की करतूत सामने आ जाएगी। नहरपार काफी इमारतों में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। कई शिकायतें दी जा चुकी हैं लेकिन सुनवाई नहीं हुई है।
क्या हैं नियम
-हर इमारत सरकारी महकमे में दिए गए नक्शे के आधार पर बनाई जानी चाहिए।
-अक्सर बिल्डर नक्शा पास करा कर बिल्डिंग अपनी मनमर्जी से बना लेते हैं।
-बिल्डिंग में फायर फाइटिंग के पर्याप्त इंतजाम होने चाहिए।
-बिल्डिंग में पार्किग की उचित व्यवस्था हो।
-लिफ्ट सुचारू रूप से चलनी चाहिए। सुरक्षा-मेंटीनेंस इंतजाम पुख्ता हों।
छोटी-मोटी कमियां होंगी, उनको दूर कर लिया जाएगा। उनका मॉल सबसे पुराना है और बेहतर तरीके से चल रहा है। मॉल में किसी भी तरह की और कमी नहीं है।
आरएस गांधी, क्राउन ग्रुप के चेयरमैन।
मॉल्स, स्कूल, अस्पताल में लोगों का आवागमन अधिक होता है। इसके अलावा पूरे शहर में काफी गगनचुंबी इमारतें ऐसी हैं जहां लाखों लोग रह रहे हैं। इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर इनकी जांच जरूरी है।
बलराज सिंह डीसी, फरीदाबाद
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