Join us on Facebook
Become a GFWA member

Site Announcements

Invitation to RPS SAVANA Allottees to join Case in NCDRC against RPS Infrastructures Ltd


Have you submitted a rating and reviewed your project?
Rate & Review your project now! Submit your project and review.
Read Reviews! Share your feedback!


** Enhanced EDC Stayed by High Court **

Forum email notifications...Please read !
Carpool from Greater Faridabad to Noida
Carpool from Greater Faridabad to GGN


Advertise with us

Discuss, get the latest news and developments in the Greater Faridabad region

No Disaster Management Plan for Faridabad for High Rise Towers

Postby dheerajjain » Mon Apr 27, 2015 10:10 am

One again shows that Haryana Govt. is just exploiting common man by collecting huge taxes and providing nothing in return

http://www.jagran.com/haryana/faridabad-12303953.html

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: शनिवार और रविवार को आए भूकंप के झटकों और देश व पड़ोसी मुल्क नेपाल में तबाही से हर कोई खौफजदा है। खासकर बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले लोग सुरक्षा को लेकर खासे ¨चतित हैं। ¨चतित होना लाजमी भी है, इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए प्रशासन के पास कोई इंतजाम तक नहीं हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अग्निशमन विभाग के पास ग्रेटर फरीदाबाद व सूरजकुंड क्षेत्र में बन रही गगनचुंबी इमारतों में ऊपर तक पहुंचने के लिए जरूरी टर्नटेबल लैडर (घूमने वाले प्लेटफार्म से लैस ऊंची सीढ़ी) तक नहीं है। नहरपार तेजी से बहुमंजिला इमारतें बन रही हैं। बहुत सी इमारतों में तो बसावट भी हो गई है। भूकंप जैसी आपदा के दौरान इससे निपटने के लिए प्रशासन के पास कोई इंतजाम नहीं हैं। आपदा प्रबंधन के लिए प्रशासन पूरी तरह निजी कंपनियों व राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन टीम के भरोसे रहता है। उनके आने तक बचाव व राहत का कार्य अनियोजित तरीके से होता रहता है। इन बहुमंजिला इमारतों के निर्माण से पहले बिल्डर प्रशासन से कई तरह के अनापत्ति प्रमाण पत्र लेते हैं। इनमें अग्निशमन सहित अन्य बचाव व राहत संबंधी होते हैं। मगर किसी तरह की आपदा के समय प्रशासन एकदम बेबस दिखाई देता है। पिछले काफी समय से जिले में बहुमंजिला इमारतों की बढ़ती संख्या के चलते टर्नटेबल लैडर की मांग हो रही है। शहर के उद्योगपति भी कई बार इसकी मांग कर चुके हैं। इसके बावजूद प्रशासनिक स्तर पर उदासीनता के चलते अभी तक टर्नटेबल लैडर अग्निशमन विभाग को नहीं मिल पाई है, जबकि नगर निगम अग्नि सुरक्षा के नाम पर शहरवासियों से फायर टैक्स भी वसूलता है। इतना ही नहीं अग्निशमन विभाग के पास जो मौजूदा संसाधन हैं, वह भी आबादी के हिसाब से अपर्याप्त हैं। मगर कभी अधिकारियों ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। पिछले साल दीपावली से दो दिन पहले एनआइटी दशहरा मैदान स्थित पटाखा बाजार में लगी आग के दौरान भी अग्निशमन विभाग की बेबसी साफ दिखाई दी। मौके पर हादसे के काफी देर बाद एक अग्निशमन गाड़ी पहुंची और जो गाड़ी मौके पर खड़ी थी उसमें पानी नहीं था। -
User avatar
dheerajjain
GFWA Member
GFWA Member
 
Posts: 2010
Images: 0
Joined: Mon Mar 15, 2010 4:55 pm
Location: Delhi

Return to Greater Faridabad News & Development

 


  • Related topics
    Replies
    Views
    Last post

Who is online

Users browsing this forum: No registered users and 13 guests