by vinitanandwani » Tue Jun 21, 2011 11:20 am
डेवलपमेंट प्लान ताक पर, किसान बना रहे हैं मकान
वीडियोग्राफी में खुलासा, किसानों ने कहा - अपनी जमीन पर बना रहे हैं मकान, नहीं रोक सकता प्रशासन।
दो सप्ताह में ही वापस आए डीटीपी
दो सप्ताह पहले यहां से जिला नगर योजनाकार संजीव मान का तबादला मेवात हो गया था लेकिन शनिवार को उन्हें दोबारा यहां भेज दिया गया है। मेवात के डीटीपी सुधीर चौहान को यहां भेजा गया था लेकिन फिर से चौहान मेवात में डीटीपी नियुक्त कर दिए। डीटीपी संजीव मान का कहना है कि मेवात तबादला होने पर उन्होंने वहां पदभार संभाल लिया था और अब दोबारा तबादला हुआ तो वे यहां आ गए।
तीन और सेक्टर डेवलप करने की तैयारी
जिला नगर एवं योजनाकार विभाग के अधिकारियों ने तीन और सेक्टर को डेवलप करने की तैयारी शुरू कर दी है। नहरपार सेक्टर-८६, ८७ और ८८ के लिए एक मीटिंग डीटीपी, एस्टेट ऑफिसर व अन्य अधिकारियों के बीच हुई। इन तीनों सेक्टर्स के जमीन अधिग्रहण के लिए मंजूरी ली जाएगी। इसके बाद यहां डेवलपमेंट के कार्य शुरू किए जाएंगे। डीटीपी संजीव मान का कहना है कि अभी वे तीनों सेक्टर्स के लिए जमीन अधिग्रहण की तैयारी कर रहे हैं।
भास्कर न्यूज & फरीदाबाद
जिला नगर योजनाकार विभाग के डेवलपमेंट प्लान को एक बार फिर खतरा पैदा हो गया है। नहरपार डेवलप हो रहे सेक्टर्स के बीचोंबीच किसान अपनी जमीन पर मकान बना रहे हैं। यह खुलासा भूमि अर्जन कार्यालय के कर्मचारियों द्वारा की गई वीडियोग्राफी में हुआ है। वीडियोग्राफी का पता लगते ही किसानों ने अपना विरोध दर्ज कराया है। प्लानिंग के तहत यहां सारी जमीन को सेक्टर्स के डेवलपमेंट के लिए सुरक्षित रखा हुआ है। हालांकि यह जमीन किसानों की है लेकिन यहां कंट्रोल एक्ट लागू है। इस एक्ट के अनुसार बिना परमिशन के कोई भी व्यक्ति खेत पर मकान नहीं बना सकता।
मुआवजे की लड़ाई
किसानों का कहना है कि दोहरे रवैये के कारण वे किसी भी हालत में यहां जमीन पर कब्जा नहीं लेने देंगे। सेक्टर-७५ व ८० को भी किसी हालत में विकसित नहीं होने दिया जाएगा। इसके अलावा यहां किसी भी नए सेक्टर की प्लानिंग को वे सफल नहीं होने देंगे। जब तब इन दोनों सेक्टर के लिए अधिग्रहण की गई जमीन का उचित मुआवजा नहीं दिया जाता, उनकी लड़ाई जारी रहेगी। इससे पहले भी कई बार कब्जा लेने आए हुडा के दस्ते को किसान खदेड़ चुके हैं और यदि यहां पर फिर से अधिकारी आए तो वे पीछे नहीं हटेंगे।
नहरपार किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष शिवदत्त वशिष्ठ का कहना है कि यहां हुडा नए सेक्टर्स विकसित करने की योजना तैयार कर रहा है। इससे पहले बिल्डर्स ने किसानों को एक एकड़ के ढाई से तीन करोड़ रुपए दिए हैं लेकिन अब हुडा जबरन उनकी जमीन पर कब्जा कर रहा है और कौडिय़ों के भाव दे रहा है। इन सेक्टर्स के बीच में काफी जमीन ऐसी है जो न तो बिल्डर ने खरीदी और न ही हुडा ने इसका अधिग्रहण किया है। इसके अलावा सरकार द्वारा लाल डोरा न बढ़ाए जाने के कारण किसान अपने खेतों पर मकान बनाने पर मजबूर हैं।