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http://in.jagran.yahoo.com/news/local/h ... 64637.htmlपॉश सेक्टरों में 50 प्रतिशत महंगी हो सकती है प्रॉपर्टीMar 27, 07:54 pm
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फरीदाबाद, मुख्य संवाददाता : जिला प्रशासन ने जमीन के कलेक्टर रेट बढ़ाने की तैयारी पूरी कर ली है। बुधवार को जिला उपायुक्त डा. राकेश गुप्ता की अध्यक्षता में होने वाली एसडीएम व तहसीलदारों की बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। सूत्र बताते हैं कि पॉश सेक्टरों सहित ज्यादा खरीद-फरोख्त वाले क्षेत्रों में प्रॉपर्टी के कलेक्टर रेट में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। इसके लिए डीसी के निर्देश पर संबंधित तहसीलदारों ने मार्केट रेट के अनुपात में प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
हालांकि फरीदाबाद प्रॉपर्टी डीलर एसोसिएशन (फीवा) ने स्पष्ट किया है कि यदि 10 से 15 प्रतिशत से ज्यादा कलेक्टर रेट बढ़ाए तो इस बढ़ोतरी का पिछले वर्ष की तरह विरोध किया जाएगा। फीवा के अध्यक्ष बलजीत सिंह ने कहा कि कलेक्टर रेट में बढ़ोतरी से पूर्व एसोसिएशन ने प्रशासन से आग्रह भी किया है। उनका कहना है कि मौजूदा समय में पिछले एक साल से प्रॉपर्टी की दर में कोई बढ़ोतरी तो दूर बल्कि कुछ जगह मंदी के चलते दाम गिरे हैं। ऐसे में कलेक्टर रेट बढ़ाने से प्रॉपर्टी मार्केट टूट जाएगी। मालूम हो कि पिछले साल जिला प्रशासन ने 18 मार्च को ही प्रॉपर्टी की दरों में भारी वृद्धि की थी। तब कृषि योग्य भूमि में दो गुणा और रिहायशी सेक्टरों में तीन से पांच गुणा वृद्धि की गई थी। इसके खिलाफ फीवा ने 19 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल की और उनके आंदोलन को सत्तापक्ष सहित विपक्ष का भी समर्थन मिला था। तब पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल के हस्तक्षेप से मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रॉपर्टी के बढ़े रेट कम करने का निर्देश दिया था।
तत्कालीन डीसी डा. प्रवीण कुमार ने 7 अप्रैल 2011 को कलेक्टर रेट में 18 मार्च को की गई बढ़ोतरी वापस लेकर नए सिरे से कलेक्टर रेट जारी किए थे। तब कृषि योग्य भूमि वाले 14 गांवों में कलेक्टर रेट 60 लाख रुपये प्रति एकड़ कर दिए गए थे और रिहायशी सेक्टरों में कलेक्टर रेट 13 हजार रुपये से 18 हजार रुपये तक ही रखे गए थे। मौजूदा समय में कृषि योग्य भूमि की दर डेढ़ से ढाई करोड़ रुपये प्रति एकड़ है तो रिहायशी पुराने सेक्टरों में जमीन का भाव 40 हजार रुपये प्रति वर्गगज से लेकर 75 हजार रुपये प्रति वर्ग गज है।
डीसी डा. राकेश गुप्ता कहते हैं कि प्रॉपर्टी के कलेक्टर रेट में बढ़ोतरी का फैसला बुधवार को राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में चर्चा के बाद होगा। उन्होंने कहा कि कम कलेक्टर रेट होने का जहां राजस्व विभाग को नुकसान होता है, वहीं ऋण आदि लेकर जमीन खरीदने वालों को भी परेशानी होती है। इसलिए दोनों पक्षों को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर रेट तय किए