Follow @Myfaridabad |
Site Announcements |
---|
Invitation to RPS SAVANA Allottees to join Case in NCDRC against RPS Infrastructures Ltd Have you submitted a rating and reviewed your project? Rate & Review your project now! Submit your project and review. Read Reviews! Share your feedback! ** Enhanced EDC Stayed by High Court ** Forum email notifications...Please read ! Carpool from Greater Faridabad to Noida Carpool from Greater Faridabad to GGN |
नहीं सुलझ रहा यूपी वन विभाग और हूडा का विवाद
14 Jun 2011, 0400 hrs IST
बाइपास रोड पर यूपी वन विभाग और हूडा के बीच चल रहा जमीनी विवाद सुलझता नहीं दिख रहा है। यूपी वन विभाग का कहना है कि हूडा प्रशासन ने अभी कागजी कार्रवाई पूरी नहीं की है। इसके अलावा बिना मंजूरी के रोड पर निर्माण करने के चलते लगे जुर्माने का भुगतान भी हूडा ने अभी नहीं किया है। यूपी वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जब तक हूडा कागजी कार्रवाई पूरी नहीं करता और जुर्माना नहीं देगा , रोड पर निर्माण की मंजूरी नहीं दी जाएगी।
आगरा नहर पर तैनात यूपी वन विभाग के फॉसेस्ट ऑफिसर शिवकुमार त्यागी ने बताया कि हमने करीब 1 महीने पहले हूडा को फाइल में रह गई कमियों को दूर करने के लिए बोला था , लेकिन अभी तक कमियां दूर कर हमें फाइल नहीं सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि नई फाइल में हूडा प्रशासन को हमें लिखित लेटर देना होगा कि ' हमें इस बात की जानकारी नहीं थी कि यह जमीन यूपी वन विभाग की है। इस पर निर्माण के लिए भारत सरकार से मंजूरी लेनी पडे़गी। हमने यह जमीन पहले एक्वॉयर नहीं की है। '
शिवकुमार ने बताया कि इसके अलावा हूडा ने अभी तक जुर्माने के 60 हजार रुपये भी जमा नहीं कराए हैं। जब तक हूडा कागजी कार्रवाई पूरी नहीं करता और जुर्माना नहीं देता है , तब तक हूडा को निर्माण के लिए मंजूरी नहीं दी जाएगी। वहीं इस मामले में हूडा प्रशासक ए . श्रीनिवास का कहना है कि मैंने संबंधित अधिकारियों को पूरी कार्रवाई करने के आदेश दे दिए थे। यदि ऐसा कुछ है , तो इसकी जांच कराई जाएगी और कार्रवाई जल्द पूरी की जाएगी।
बता दें कि आगरा नहर पर यूपी सरकार का मालिकाना हक है। इसके दोनों तरफ काफी सारी जमीन यूपी वन विभाग की है। वन अधिनियम 1980 की धारा -2 के तहत सुप्रीम कोर्ट ने 12 दिसंबर 1996 में आदेश जारी किया था कि किसी भी संरक्षित वन भूमि पर भारत सरकार की अनुमति के बिना गैर वानिकी कार्य नहीं किया जा सकता। लेकिन हूडा ने बिना मंजूरी के बाइपास रोड स्थित सेक्टर -2 में तिगांव पुल के पास लगभग ढाई एकड़ और चंदावली पुल के पास 0.993 एकड़ जमीन पर सड़क का निर्माण किया। निर्माण के अगले दिन ही यूपी वन विभाग के कर्मचारियों ने दोनों सड़क को तोड़ दिया था। इसके बाद से दोनों विभाग आमने - सामने आ गए थे।
मुख्यमंत्री के आदेश पर झुग्गियों का दोबारा सर्वे
झुग्गी-झोपडिय़ों में रहने वालों के लिए आशियाना जैसी स्कीम सफल न होने के बाद बाइपास रोड पर झुग्गियों का दोबारा सर्वे और फोटोग्राफी करने के आदेश दिए गए हैं। यह आदेश मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिया है। आदेश आने के बाद अब हुडा अधिकारी यहां सर्वे करने के लिए टीमों का गठन कर रहे हैं। जल्द ही सर्वे कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों के माध्यम से सीएम के पास भेजी जाएगी। इससे पहले भी यहां सर्वे हो चुका है, लेकिन इसमें कुछ खामियों के चलते यहां से भेजी गई रिपोर्ट वापस आ गई थी। पिछली रिपोर्ट में बाइपास रोड पर 1345 झुग्गियां हैं। हुडा की सर्वे ब्रांच के एसडीओ अजीत सिंह का कहना है कि यहां सर्वे जल्द शुरू कर दिया जाएगा।
क्या है आदेश में : हुडा अधिकारियों के पास आए आदेश में कहा गया है कि सेक्टर-37 से लेकर सेक्टर-59 तक बाइपास रोड का सर्वे किया जाए। यहां यह देखा जाए कि बाइपास रोड के किनारे हुडा की कितनी जमीन है। इसके अलावा अन्य विभागों की कहां-कहां जमीन है। इस रोड के किनारे कुल कितनी झुग्गियां हैं और कब से बसी हैं। कितने झुग्गीवासियों को आशियाना स्कीम के तहत फ्लैट दिया जा चुका है। कितने झुग्गीवासियों ने कोर्ट से स्टे ले रखा है और कितनी बगैर स्टे वाली हैं। इसकी रिपोर्ट जल्द बनाकर भेजने के आदेश हैं।
क्या है बाइपास सिक्स लेन: वाहन चालकों की सहूलियत की दृष्टि से बाइपास सिक्स लेन योजना पर काफी समय से काम चल रहा है। यह रोड सेक्टर-37 से लेकर 59 तक सिक्स लेन बनाई जा रही है। इसकी कुल लंबाई 26 किलोमीटर है। इसकी अनुमानित लागत 122 करोड़ रुपए है। बाइपास रोड को सिक्स लेन करने का काम कलकत्ता माहेश्वरी ब्रदर्स को सौंपा हुआ है। शुरुआत में इस रोड को मई 2010 तक सिक्स लेन करने की समय सीमा तय की गई थी, लेकिन अभी इस रोड को पूरा होने में काफी समय लगेगा।
आशियाना स्कीम हो गई है फेल: झुग्गीवासियों को फ्लैट में बसाने की योजना भी अभी तक सफल नहीं हो पाई है। सेक्टर-56 व 62 में हुडा ने आशियाना स्कीम के तहत 3080 फ्लैट तैयार कर दिए हैं, लेकिन अभी तक यहां लगभग 900 झुग्गी वाले ही बस पाए हैं। बाकी लोगों ने रुचि नहीं दिखाई। इस कारण, न तो बाइपास रोड से झुग्गियों का सफाया हुआ, न ही आशियाना स्कीम सफल हो पाई।
स्टे वाली झुग्गियों से होगी परेशानी: हुडा के लिए यहां सबसे बड़ी परेशानी स्टे वाली झुग्गियां हैं। वह इनको हटा नहीं सकता। ऐसे में उसके लिए ये जी का जंजाल बन चुके हैं। उधर शहर में कई विकसित योजनाओं के लिए इनको हटाना जरूरी है। इनमें बाइपास रोड को सिक्स लेन करने की भी योजना शामिल है। इसलिए सरकार ने बाइपास रोड से प्रभावित होने वाले झुग्गीवासियों को फ्लैट देने की योजना बनाई थी।
बाईपास की चौथी डेडलाइन भी फेल
Story Update : Sunday, July 31, 2011 12:01 AM
फरीदाबाद। बल्लभगढ़ के निकट सेक्टर-५९ से शुरू होकर बदरपुर बार्डर के निकट सेक्टर ३७ पर एनएच-२ से मिलने वाले बाईपास को सिक्सलेन करने की चौथी डेडलाइन भी रविवार को पूरी होने जा रही है। लेकिन यह काम पूरा नहीं हो सका है। यदि बाईपास का निर्माण जल्द पूरा नहीं होता तो इसका असर अन्य बड़े प्रोजेक्ट पर भी देखने को मिल सकता है। इसका प्रस्ताव करीब ढाई वर्ष पूर्व तैयार किया गया था। दो वर्ष में चार बार डेडलाइन खत्म होने के बावजूद परियोजना का कार्य पूरा नहीं हो सका है।
करोड़ों की लागत से बनने वाले २५ किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट का काम कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले पूरा करने की डेडलाइन रखी गई थी। इसके बाद दिसंबर-२०१० की गई, फिरडेडलाइन ३१ मार्च-२०११ तय कर दी गई। तीसरी डेडलाइन में भी काम पूरा नहीं हो पाया तो मई में हुडा के वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को फटकार लगाते हुए इस प्रोजेक्ट का काम ३१ जुलाई२०११ तक पूरा करने के आदेश दिए थे।
दिल्ली से फरीदाबाद की सीमा में घुसते ही प्रोजेक्ट का काम तेज गति से चलते देखा जा सकता है। लेकिन सेक्टर-२९, ३०, ३१ और इससे आगे निर्माण कार्य देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगले एक साल में भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं होगा। हालांकि इस प्रोजेक्ट की पांचवी डेडलाइन भी अभी तय नहीं हो पाई है। यदि बाईपास का काम जल्द पूरा नहीं होता तो इसका असर सीधा असर दिल्ली-आगरा नेशनल हाइवे को सिक्सलेन करने और मेट्रो रेल जैसे बड़े प्रोजेक्ट पर देखने को मिलेगा। दरअसल, इन दो बड़े प्रोजेक्ट का काम शुरू होने पर हाइवे से वाहनों का दबाव कम कर बाईपास पर डालने की योजना भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बना रहा है। अगर बाईपास का काम जल्द पूरा नहीं हुआ और मेट्रो तथा हाइवे सिक्सलेन का कार्य शुरू हो गया तो लोगों को जाम की समस्या से दो-चार होना पड़ेगा।
हुडा प्रशासक ए श्रीनिवास का कहना है कि प्रोजेक्ट पर काम तेजी से चल रहा है। जल्द ही इसकी नई डेडलाइन जारी कर दी जाएगी।
आखिर क्यों अटका काम
बाईपास रोड पर जगह-जगह अवैध निर्माण हो रहे हैं। हुडा बाईपास को कब्जों से मुक्त कराने के लिए तोड़फोड़ करता है, लेकिन कुछ दिन बाद फिर वही स्थिति पैदा हो जाती है। सही स्थिति जानने के लिए हुडा ने अवैध निर्माणों का बायोमेट्रिक सर्वे कराया तो इसमें १३८५ निर्माणों की संख्या पाई गई है। वहीं, बाईपास की हद में आ रही जमीन का कुछ हिस्सा उत्तर प्रदेश वन विभाग का है। इस हिस्से पर सड़क तब तक नहीं बना पाएगी, जब तक औपचारिक मंजूरी नहीं मिल जाती।
बजट बढ़ने की संभावना
बाईपास को सिक्सलेन करने के लिए इसकी लागत १२८.७० करोड़ रुपये तय की गई थी। नए वित्त वर्ष में प्रोजेक्ट का बजट बढ़ाए जाने का प्रावधान किया जा चुका है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि प्रोजेक्ट में लगातार हो रही देरी के चलते इसका बजट फिर से बढ़ने की पूरी संभावना है।
बाईपास रोड : बनने से पहले कई जगह टूटी
1 Sep 2011, 0400 hrs IST
बाईपास रोड अभी बनकर तैयार नहीं हुई है , लेकिन इससे पहले ही यह कई जगह से टूट गई है। ऐसे में यहां से गुजरने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
नैशनल हाइवे से ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए आगरा नहर के साथ बाईपास रोड का निर्माण किया जा रहा है। 26 किलोमीटर लंबे इस बाईपास रोड का काम लगभग 92 प्रतिशत ही पूरा हो पाया है। इस बीच सड़क कई जगहों से टूटनी भी शुरू हो गई है। सेक्टर -2 के पास भी काफी लंबे इलाके में सड़क टूट चुकी है। इस रोड के साथ ही आईएमटी का निर्माण किया जा रहा है , जहां पर हर हर रोज भारी वाहनों का आना जाना होगा। यह पहली बार नहीं है जब बाईपास रोड पर सड़क टूटी है। अभी दो साल पहले ही बाईपास रोड का सड़क निर्माण शुरू हुआ था , लेकिन इतनी जल्दी सड़क का टूटना शुरू होना इसके निर्माण में प्रयोग होने वाली सामग्री पर भी सवालिया निशान खड़ा करता है। हूडा ईएक्सईएन ए . के . आर्य का कहना है कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर सेक्टर -2 के पास सड़क टूटी हुई है तो मैं गुरुवार को खुद साइट का दौरा करूंगा। कंस्ट्रक्शन कंपनी इसकी जिम्मेदार है और वह हमें पूरी तरह से रोड का निर्माण कर सौंपेगी।
सिक्सलेन का काम जल्द पूरा करें
Monday, September 19, 2011
फरीदाबाद। बाईपास रोड को छह लेन बनाने के लिए करोड़ों खर्च के बावजूद भी समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। निर्माणों के चलते बाईपास की अलाइनमेंट बिगड़ी हुई है। आने वाले दिनों में बाईपास की जगह-जगह बनी संकरी सड़कें यहां से गुजरने वाले वाहनों की मुसीबत न बढ़ा दे, इसको ध्यान में रखते हुए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने जिला प्रशासन को अलाइनमेंट में सुधार करने का सुझाव दिया है।
बाईपास रोड को सिक्स लेन करने का काम काफी समय से जारी है। इस रोड के रास्ते में हजारों झुग्गियां बाधा बनी हुई थीं। कुछ झुग्गियों को हटा दिया गया, लेकिन फिर से बाईपास पर अवैध निर्माणों का सिलसिला शुरू हो गया है। मौजूदा समय में करीब डेढ़ हजार झुग्गियां बाईपास के निर्माण में बाधा बनी हैं। हुडा अधिकारियों का दावा है कि बाईपास रोड का ९० प्रतिशत काम पूरा हो गया है। बाईपास के पास एतमादपुर के नजदीक, प्रेम नगर और किसान मजदूर कालोनी के पास लंबी-चौड़ी जमीन पर निर्माण होने के कारण बाईपास फोर लेन ही बन पाया है। इसके अलावा खेड़ी पुल पर भी संकरा रास्ता होने के कारण जाम जैसी समस्या बनी रहती है।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने जिला प्रशासन को एक सुझाव दिया है कि पूरे बाईपास को सिक्सलेन किया जाए। जगह-जगह फोर लेन सड़कें भविष्य में लोगों की परेशानी बढ़ा सकती हैं। ऐसे में इस प्रोजेक्ट पर खर्च की जा रही करोड़ों की राशि का कोई फायदा नहीं मिलेगा। डीटीपी संजीव मान ने बताया कि बाईपास की अलाइनमेंट जब तक पूरी तरह से एक समान नहीं होती तब तक हाइवे से भारी वाहनों का दबाव कम नहीं होगा। आने वाले दिनों में सिक्सलेन और मेट्रो का काम शुरू होने वाला है। ऐसे में बाईपास पर रूट डायवर्ट करने के लिए इसकी अलाइनमेंट को पूरी तरह से सिक्सलेन करना जरूरी होगा।
तय समय पर पूरा होगा बाईपास का काम!
3 Oct 2011, 0400 hrs IST
नबीटी न्यूज ॥ फरीदाबाद
हूडा प्रशासक ने बाईपास रोड को मार्च 2012 तक लोगों के लिए शुरू कर देने का दावा किया है। हूडा प्रशासक का कहना है कि मलेरना फ्लाइओवर के निर्माण की डेडलाइन मार्च 2012 रखी गई है। फ्लाइओवर के निर्माण के साथ ही पूरे बाईपास रोड का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।
मालूम हो कि नैशनल हाइवे पर ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए आगरा नहर के साथ 26 किलोमीटर लंबे बाईपास रोड का निर्माण किया जा रहा है। 122 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह बाईपास रोड कई डेडलाइन मिस कर चुका है, लेकिन अब भी इसके रास्ते में कई रुकावटें बनी हुई हैं। वहीं हूडा प्रशासक का कहना है कि अगले 5 महीनों में सारी रुकावटों को दूर करते हुए मार्च 2012 तक सड़क निर्माण का काम पूरा कर लिया जाएगा।
हूडा प्रशासक अजित बालाजी जोशी का कहना है अवैध निर्माणों को हटाने से पहले उनमें रहने वाले लोगों को आशियाना फ्लैट्स में शिफ्ट किया जाएगा। ऐसे लोगों को आशियाना देने के लिए उच्च अधिकारियों के पास प्रस्ताव भेजा गया है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही रोड साफ कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मलेरना फ्लाइओवर का काम 31 मार्च 2012 तक पूरा किया जाना है। हम तय समय पर काम पूरा कर लेंगे।
क्या है बाधा
बाईपास रोड के निर्माण में सबसे बड़ी बाधा किसान व मजदूर कॉलोनी में बने हुए अवैध निर्माण हैं। यहां लगभग 1145 अवैध निर्माण ऐसे हैं जो बाईपास रोड के रास्ते में आ रहे हैं। इसकी वजह से इस जगह पर 6 लेन बाईपास रोड को 4 लेन का ही बनाने का फैसला किया गया है। अब 4 लेन बाईपास बनाने के लिए भी 320 अवैध निर्माणों को रास्ते से हटाना होगा, जिन पर कोर्ट का स्टे है। इसके अलावा मलेरना में बन रहे फ्लाइओवर का निर्माण भी बाईपास के लिए जरूरी है, जबकि इस फ्लाइओवर का काम काफी धीरे चल रहा है।
डीसी को ज्ञापन सौंपा
14 Oct 2011, 0400 hrs IST
एक संवाददाता॥ प्रेम नगर
गुरुवार को सेक्टर-17 बाइपास के पास बनी प्रेम नगर झुग्गी के लोगों ने डीसी प्रवीन कुमार को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से लोगों ने कहा कि उनकी झुग्गियां न तोड़ी जाएं। अगर उनकी झुग्गियां तोड़ी भी जाती हैं तो उन्हें आशियाना के तहत फ्लैट दिलाया जाए। कई लोगों का कहना है कि सरकार ने आशियाना के तहत जो फ्लैट हमें दिए हैं, वहां जन सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। ऐसे में लोग वहां रहना भी पसंद नहीं कर रहे हैं। अगर सेक्टर में सुविधाएं मुहैया करा दी जाएं तो लोग झुग्गियां छोड़कर आशियाना फ्लैट में रहने लगेंगे। डीसी प्रवीन कुमार ने झुग्गी वालों को आश्वासन दिया कि जो जायज बात होगी, उस पर कार्रवाई की जाएगी।
हाइटेंशन लाइन का पेंच दूर, मलेरना ओवर ब्रिज जल्द होगा पूरा
काफी समय से मलेरना रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) के निर्माण में फंस रहा हाइटेंशन लाइन का पेंच दूर हो गया है। इससे इसके जल्द पूरा होने की उम्मीद जगी है। निर्माण में अभी तक सबसे बड़ी बाधा रेलवे लाइन के बीच आ रही बिजली की हाइटेंशन लाइन थी। 132 केवी की हाइटेंशन लाइन को शिफ्ट करने का जिम्मा रेलवे के आगरा डिविजन का है। उसने टेंडर आमंत्रित किए हैं। शिफ्टिंग के लिए तीन कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। अधिकारियों के अनुसार इनमें से एक कंपनी को जल्द काम दे दिया जाएगा। इसके बाद काम भी शुरू हो जाएगा।
आठ सौ मीटर लंबा होगा ब्रिज : मलेरना रेलवे ओवर ब्रिज प्रोजेक्ट पर हुडा और रेलवे मिलकर काम कर रहे हैं। हुडा अपने हिस्से का काम लगभग पूरा कर चुका है। केवल रेलवे के हिस्से का काम बाकी है। करीब 800 मीटर लंबे इस ब्रिज के निर्माण में करीब 21 करोड़ रुपए की लागत आएगी। पुल के दोनों ओर के हिस्सों का निर्माण हुडा ने किया है। जबकि रेलवे लाइन के ऊपर से गुजरने वाले हिस्से का निर्माण रेलवे द्वारा किया जाना है। दिल्ली के बदरपुर बॉर्डर से सेक्टर-59 तक जाने वाली बाइपास सिक्स लेन से इस ओवर ब्रिज को जोड़ा जाएगा। अभी मलेरना रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण का कार्य जल्द पूरा होने का पता चलते ही बाइपास रोड के दोनों ओर स्थित इलाकों में जमीन की कीमतें आसमान छू रही हैं।इस इलाके में कुछ समय से प्रॉपर्टी काफी सस्ती थी, लेकिन अब ब्रिज बनने की खबर से इस इलाके में लोग अपनी जमीन की ऊंची कीमत मांग रहे हैं।
यह कहते हैं अधिकारी : आगरा रेलवे मंडल के एसई वीके गर्ग के अनुसार हाइटेंशन लाइन शिफ्ट करने का काम एक कंपनी को जल्द दे दिया जाएगा ताकि लाइन जल्द शिफ्ट कराई जा सके। इस बारे में हुडा एक्सईएन-एके गुलाटी का कहना है कि उनके विभाग की ओर के हिस्से का काम लगभग पूरा हो चुका है।
Users browsing this forum: No registered users and 10 guests