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snawab2001 wrote:HI ALL
GOOD News. NHAI floated tender for Six-Lane Eastern Peripheral Expressway.
http://www.nhai.org/procurement_current.asp
After 4 yrs Eastern Peripheral Expressway gets green signal
New Delhi The bids for the much-delayed Eastern Peripheral Expressway, that seeks to decongest traffic in Delhi by providing connectivity between satellite cities, are likely to be called now with the the Public Private Partnership Appraisal Committee (PPPAC) under the finance ministry overruling the Plan panel that had pushed for a toll rate 1.5 times the normal rate.
The PPPAC agreed with the views of the ministry of road transport and highways that the expressway was not a bypass around Delhi and hence the toll charged should be 80 paise/km as approved by the committee in 2008.
The PPPAC acknowleded that a higher toll rate would be unfair to commuters coming from the eastern side (mainly Uttar Pradesh). Former roads secretary R S Gujral (now revenue secretary) had also strongly opposed charging a higher toll stating that it would make the project unviable with traffic diverted to WPE connecting Kundli-Ghaziabad- Palwal.
The Western Peripheral Expressway that has the same starting and ending point as the EPE but connects the two points via Kundli, Manesar and Palwal, was awarded to DS Construction before toll rates were revised in 2008. It was allowed to charge the prevailing normal toll rate of 60 paise a km. Government sources said if the toll rate in the EPE was higher than the WPE, then traffic would get diverted to the latter, making the eastern peripheral project unviable.
The project will take off once the road transport and highways ministry sends a formal approval on the toll rates issue to the NHAI, a government official said. The matter had been referred to the PPPAC by CCI keeping in view objections from Haldea. Even within the Planning Commission, not all were in sync on Haldea’s position.
The Rs 2,700 crore project had been stuck for over four years now over one issue or the other with about fifteen months being lost in a tussle with the Planning Commission over the project cost and toll rates.
ईस्टर्न एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए कंपनियों की चयन प्रक्रिया शुरू
Jul 11, 07:06 pm
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने सोनीपत से फरीदाबाद तक ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के निर्माण लिए तकनीकी पहलुओं के आधार पर कंपनियों का चयन शुरू कर दिया है। प्राधिकरण के पास इसके निर्माण के लिए कुल 25 आवेदन आए थे इनमें से 24 कंपनियों को तकनीकी आधार पर सही पाया गया है। अगले 45 दिनों में इन कंपनियों में से किसी एक कंपनी का एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए चयन किया जाएगा।
बता दें कि 7 फरवरी 2011 को एनएचएआई ने ईस्टर्न एक्सप्रेस-वे के लिए निविदाएं आमंत्रित की थी। 25 कंपनियों ने इस योजना के निर्माण के लिए एनएचएआई के पास आवेदन जमा कराए थे। इन कंपनियों में से एनएचएआई को तकनीकी योग्यता के आधार पर कंपनियों का चयन करना था। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए विभाग के पास एक महीने का समय था, लेकिन करीब चार महीने बीत जाने के बाद भी यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। लेकिन अब जाकर विभाग ने इनमें से 24 कंपनियों की छंटाई कर ली है। एनएचएआई के योजना निदेशक मनोज गुप्ता ने बताया कि केवल एक कंपनी तकनीकी योग्यताओं पर खरी नहीं उतरी। फाइनेंशियल बिड रखी जाएगी।
गौरतलब है कि यह एक्सप्रेस-वे कुल 135 किलोमीटर लंबा बनाया जाना है। इस योजना पर 2699 करोड़ रुपये की लागत आएगी। ईस्टर्न पेरीफेरल रोड सोनीपत, फरीदाबाद, बागपत, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर को जोड़ने का काम करेगा। एनएच- एक कुंडली से यमुना को पार करने के बाद यह एक्सप्रेस-वे माविकलन, शरफाबाद के पास हिंडोन नदी से एनएच- 58 के दुहाई से होता हुआ दासना के पास एनएच- 24 पर मिलेगा। यहां से यह एक्सप्रेस-वे एनएच 59 पर बीलकबरपुर के पास से होता हुआ कासना - सिकंद्राबाद रोड (सिरसा के निकट) से यमुना के ऊपर से होता हुआ फज्जुपुर खादर, अटाली छांयसा (मौजपुर के पास) एनएच 2 पर पलवल पहुंचेगा। इसके अंतर्गत तीन रीवर ब्रिज भी तैयार किए जाएंगे।
एक्सटेंशन की टेंशन से घिरा ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे
28 Jul 2011, 0400 hrs IST
नोएडा एक्सटेंशन की टेंशन से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे भी नहीं बच सका है। भूमि अधिग्रहण नहीं हो सकने के कारण ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे यानि कुंडली - गाजियाबाद - पलवल ( केजीपी ) के निर्माण का ठेका अभी नहीं उठ सका है , जबकि एक्सप्रेस बनवाने वाली नैशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ( एनएचएआई ) को कुल 24 कंपनियों के आवेदन मिल चुके हैं। इन आवेदनों को तकनीकी तौर पर सही पाया गया है। इसके बाद फाइनेंशल बिड होगी। जिसके बाद किसी एक कंपनी को एक्सप्रेस बनाने का काम मिलेगा। पता चला है कि एक्सप्रेस वे पर अगले साल जनवरी तक ही काम शुरू हो सकेगा।
जमीनों के अधिग्रहण का मसला अब सभी जगह सिर उठाने लगा है। कई जगह जमीनों का अधिग्रहण न होने के कारण एनएचएआई के प्रस्तावित केजीपी प्रोजेक्ट पर भी आंच आ सकती है। एनसीआर में आने वाले सोनीपत के कुंडली से शुरू होकर यूपी के बागपत , गाजियाबाद , गौतमबुद्धनगर होते हुए पलवल तक पहुंचने वाले इस एक्सपे्रस वे पर नोएडा एक्सटेंशन की टेंशन सवार हो गई है। कुल 135 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस वे में से 47 किलोमीटर लंबाई पलवल और कुंडली में शामिल है। एनएचएआई सूत्रों का कहना है कि कुंडली से बागपत , गाजियाबाद , गौतमबुद्धनगर व पलवल में कई जगह किसानों ने अपनी जमीनों का पैसा नहीं लिया है। इसके चलते एनएचएआई इस प्रोजेक्ट पर फूंक - फूंक कर कदम रख रही है। केएमपी पहले ही धीमी गति से चल रहा है , इसलिए सरकार इस प्रोजेक्ट में कोई टेंशन नहीं लेना चाहती है। सूत्रों ने जमीन अधिग्रहण में देरी से इस प्रोजेक्ट के पूरे होने में चार साल और लगने का अनुमान व्यक्त किया है।
बड़ी कंपनियों में है टक्कर :
केजीपी बनाने के लिए एनएचएआई को कुल 24 टेंडर मिले हैं। इन टेंडरों को तकनीकी तौर पर सही पाया गया है। इसके बाद फाइनेंशल बिड होगी। इसमें केजीपी के बारे में विस्तृत जानकारी के साथ रेट , क्वॉलिटी दावा और कंपनी की वित्तीय स्थिति की परीक्षा होगी। एनएचएआई अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस बिड में कुंडली - मानेसर - पलवल ( केएमपी ) बनाने वाली कंपनी रिलायंस और एल एंड टी समेत कई नामचीन कंपनियां दौड़ में हैं। लेकिन जमीनों का अधिग्रहण पूरा न होने के कारण अभी इसमें पेंच फंसा है।
क्या है प्रोजेक्ट केजीपी :
एनएचएआई कुंडली से पलवल तक 135 किलोमीटर लंबे ईस्टर्न पेरिफेरल का निर्माण करेगी। इसका ठेका किसी प्राइवेट कंपनी को बिल्ट , ऑपरेट एंड ट्रांसफर ( बीओटी ) आधार पर दिया जाना है। एनएचएआई ने इस प्रोजेक्ट की प्रस्तावित लागत 2700 करोड़ रुपये रखी है। निर्माण करने वाली कंपनी अपने पैसे से एक्सप्रेस वे का निर्माण करेंगी। इस लागत को वह 20 साल तक टोल के रूप में कम्यूटर्स से वसूलेंगी और बाद में सरकार को सौंप देंगी।
अब केएमपी का विस्तार फरीदाबाद तक
Story Update : Saturday, December 31, 2011 12:01 AM
फरीदाबाद। केजीपी(कुंडली-गाजियाबाद-पलवल) की सुस्त चाल को देखते हुए फरीदाबाद को अब केएमपी (कुंडली-मानेसर-पलवल) ग्लोबल कॉरीडोर में शामिल कर नया प्रारूप तय कर लिया गया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के बदले गए प्रारूप को मंजूरी मिलती है तो फरीदाबाद और पलवल के विकास को जल्द ही तेज रफ्तार मिलेगी।
दिल्ली से ट्रैफिक के दबाव को कम करने के लिए ईस्टर्न अर्थात (केजीपी) और वेस्टर्न अर्थात (केएमपी) ग्लोबल कॉरीडोर के निर्माण की योजना बनाई गई थी। १३५ किलोमीटर लंबे केएमपी का निर्माण कार्य लगभग पूरा होने को है, लेकिन इतनी ही लंबाई के केजीपी का अधिकांश हिस्सा उत्तर प्रदेश में पड़ता है और यहां भूमि अधिग्रहण का पेंच फंसा होने के कारण अभी तक परियोजना अधर में है। हरियाणा के हिस्से में तो भूमि अधिग्रहण हो चुका है।
इसी के मद्देनजर दो दिन पहले गुड़गांव में परियोजना के तहत आने वाले जिलों के वरिष्ठ जिला नगर योजनाकार व जिला नगर योजनाकारों की बैठक बुलाई गई। बैठक में केएमपी के प्रारूप को अंतिम रूप दिया गया। कुंडली-मानेसर और पलवल के पश्चिमी हिस्से के विकास के साथ-साथ फरीदाबाद तक केएमपी का विस्तार करने पर सहमति जताई गई, ताकि इस परियोजना के तहत आने वाले हरियाणा के संपूर्ण हिस्से का विकास एक साथ हो सके। नए प्रारूप को अब राज्य सरकार के समक्ष रखा जाएगा। अभी तक केएमपी का हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग के पश्चिम दिशा में ही था, लेकिन अब इसे पूरब में केजीपी की ओर करीब २५ किलोमीटर बढ़ाने का प्रारूप सरकार को भेजा गया है।
कॉरीडोर के दोनों ओर इंफ्रास्ट्रक्चर जोन
केएमपी के दोनों ओर अब तक दो किलोमीटर क्षेत्र इंफ्रास्ट्रक्चर जोन के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन अब इसका क्षेत्रफल कम करके एक किलोमीटर कर दिया गया है। इस जोन में जो भी परियोजना विकसित की जाएगी वो बड़े स्तर पर ही होगी। ५० एकड़ से कम भूमि पर सीएलयू (चेंज आफ लैंड यूज) नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा ०.५ प्रतिशत एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) निर्धारित की गई है।
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कंट्रोल्ड एरिया भी प्लान में शामिल
केएमपी के तहत अब तक फरीदाबाद के कंट्रोल्ड एरिया का प्रावधान नहीं किया गया था। बैठक में इस बात पर भी गहन चर्चा हुई और कंट्रोल्ड एरिया के तहत आने वाले २३ गांव प्लान में शामिल कराए गए। जिनमें, मोहना, छायसां, फज्जूपुर, शाहजहांपुर, साहूपुरा, दूल्हेपुर, जफरपुर, मोठुका, अरुआ, मौजपुर, अधकलां, माजरा, चांदपुर, अहमदपुर, नरियाला, नरियाली, अटेरना सहित पलवल के भी गांव शामिल किए गए हैं।
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बल्लभगढ़-सोहना-पलवल रोड जुड़ेगा
केएमपी के प्रारूप में बदलाव करते हुए बल्लभगढ़-सोहना-पलवल रोड को भी ग्लोबल कॉरीडोर से जोड़ने का प्रावधान किया गया है। इसका उल्लेख पूर्व निर्धारित प्रारूप में था ही नहीं, जिला नगर योजनाकार ने प्रारूप की इस खामी के मसले को उठाते हुए केएमपी से शहर को जोड़ने का प्रावधान कराया।
केएमपी के तहत १०० मीटर चौड़ी सड़क, १०० मीटर चौड़ी ग्रीनबेल्ट और १०० मीटर चौड़ी जगह ओरबिटल रेलमार्ग के लिए छोड़ने का प्रावधान किया गया है।
-संजीव मान, जिला नगर योजनाकार, फरीदाबाद।
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प्रोजेक्ट पर एक नजरः-
. २७ ओवरब्रिज और अंडर पास गांवों के पास बनेंगे
. ४ फ्लाईओवर करेंगे राष्ट्रीय राजमार्ग को पार
. ९ अंडर पास मुख्य चौराहों पर बनाने का प्रावधान
. ७ ओवरब्रिज भी बनेंगे मुख्य चौराहों को पार करने के लिए
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