by yadav_ajay » Tue Feb 07, 2012 10:03 am
Friends,
In last one week, I found two news article about the cancelation of Licenses in Haryana by T &CP.
I'm not able to understand..why T&CP taking so much time to decide on such issues and
I'm sure those days are not far...when we would be having such news for Gr. Faridabad Area.
Because as per latest Documents which is posted in GFWA exclusive section, many Builders are defaulting in EDC deposit.
So...keep your figure crossed.
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सैनिक कॉलोनी बसाने वाली सोसायटी का लाइसेंस रद्द
भास्कर न्यूजत्नफरीदाबाद dt : 7.2.2012
तीन सौ एकड़ में फैली सैनिक कॉलोनी बसाने वाली सोसायटी का टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने लाइसेंस रद्द कर दिया है। अब यह पूरी कॉलोनी विभाग के अंडर में रहेगी। कॉलोनी को जल्द ही विभाग टेकओवर कर लेगा। सोसायटी पर ईडीसी (बाह्य सुविधा शुल्क), समय पर डेवलपमेंट न करने के साथ ही लाइसेंस रिन्यू न कराने के आरोप हैं। अब भविष्य में ऐसी सोसायटियों के लाइसेंस पर रोक लगाने का विचार भी किया जा रहा है।
फंस गए 36 करोड़ रुपए : 1991 में सैनिक कॉलोनी को विकसित करने की योजना तैयार की गई। यह कॉलोनी करीब 300 एकड़ में फैली है। फिलहाल वहां 1500 से अधिक घर हैं और काफी संख्या में प्लॉटिंग हो चुकी है। कॉलोनी काटने के बाद ईडीसी को लेकर कॉलोनाइजर व सरकार के बीच ठन गई। उस समय सरकार के रेट के अनुसार ईडीसी 165 रुपए प्रति वर्गगज के हिसाब से तय की गई थी लेकिन कॉलोनाइजर इतनी ईडीसी देने को तैयार नहीं थे।
कॉलोनाइजरों ने 100 रुपए प्रति गज के हिसाब से ईडीसी सरकार के पास जमा करानी शुरू कर दी और नक्शे पास होने के लिए आवेदन किया।सरकार नहीं मानी तो मामला हाईकोर्ट चला गया।हाईकोर्ट में इस मामले पर कोई निर्णय नहीं हो सका। इसलिए सरकार का आदेश मिलने के बाद 2005 में जिला नगर योजनाकार विभाग ने नक्शे पास करना बंद कर दिया। नक्शे पास न होने के बाद लोगों ने कंप्लीशन भी नहीं लिया। जिला नगर योजनाकार विभाग के पास 45 नक्शे पेंडिंग रह गए थे।
अब क्या करेगा विभाग : सैनिक कॉलोनी से अब सोसायटी का कोई लेना-देना नहीं है। लाइसेंसशुदा कॉलोनियों व सोसायटी को लाइसेंस देने वाला टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग अब सैनिक कॉलोनी में खाली पड़ी साइटों की नीलामी करेगी।
उससे वह सबसे पहले ईडीसी के पेंडिंग 36 करोड़ रुपए वसूलेगा। अब प्लॉटधारकों का सीधा संबंध विभाग से होगा। वहां क्या और कहां प्लानिंग करनी है यह विभाग तय करेगा।जल्द ही विभाग अपने नोटिस बोर्ड पर भी इसे चस्पा कर देगा।
॥सरकार के आदेशानुसार सैनिक कॉलोनी के नक्शे लिए जा रहे हैं। जो नियमों को पूरा कर रहे हैं, उनके नक्शे पास कर दिए जाएंगे। इसके लिए प्लॉटधारकों को मौजूदा समय में तय की गई ईडीसी देनी होगी। इससे वहां कॉलोनी को विकसित होने में मदद मिलेगी।ज्ज्
संजीव मान, डीटीपी।
ईडीसी के पंगे को लेकर प्लॉट धारकों ने अपने आपको को इस मामले में बेकसूर बताते हुए नक्शे पास करने की अपील की। सरकार ने अपील को स्वीकार किया लेकिन शर्त रखी कि अब उनको मौजूदा रेट के हिसाब से ईडीसी देनी होगी। इसलिए प्लॉटधारक सीधे विभाग के कार्यालय में नक्शे अप्लाई कर रहे हैं।प्रदेश सरकार के आदेश के बाद जिला नगर योजनाकार विभाग ने नक्शे के आवेदन लेना शुरू कर दिया है।
वर्षों पहले कॉलोनी काटने के बाद सैनिक कॉलोनी में ईडीसी का रेट 165 रुपए प्रति वर्ग गज था। इसके बाद रेट को लेकर हुए पंगे के बाद ईडीसी बढ़ती गई। अब जब ईडीसी जमा करने के आदेश आए हैं तो वह सात गुणा से अधिक बढ़ गई। अब लगभग 1200 रुपए प्रति वर्गगज के हिसाब से प्लॉटधारकों को ईडीसी जमा करानी होगी। इसलिए कॉलोनाइजर के पंगे की सजा अब प्लॉटधारकों को भुगतनी होगी।
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Second News article from Amar Ujala dated : 6.2.2012
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