http://epaper.bhaskar.com/cph/Details.a ... =741153515बिल्डर की मनमानी : जमीन भी गई और पूरी कीमत भी नहीं मिली
भास्कर न्यूज & फरीदाबाद
नहरपार सेक्टर-७५-८० सेक्टर के लिए बिल्डर द्वारा अधिग्रहित की गई अधिकतर जमीन की अभी तक न तो रजिस्ट्री नहीं कराई गई है और न ही जमीन की पूरी कीमत किसानों को दी है। जमीन अधिग्रहण किए हुए तीन साल हो गए हैं। किसान अब जमीन की पूरी कीमत लेने बिल्डर के दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं है। नहरपार ग्रेटर फरीदाबाद किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष शिवदत्त वशिष्ठ के नेतृत्व में इस बारे में डीसी को शिकायत दी जाएगी। किसानों ने चेतावनी दी है कि वे यहां सेक्टर विकसित नहीं होने देंगे।
क्या कहना है किसानों का : वशिष्ठ का कहना है कि नहरपार सेक्टर-७५-८० सेक्टर के तहत बिल्डर्स ने बड़ोली, मिर्जापुर, फाजुपुर, सीही और प्रहलादपुर गांव की जमीन का अधिग्रहण किया था। उस समय बिल्डर्स ने किसानों के साथ एग्रीमेंट कर जमीन की कुल कीमत का ५ से १० प्रतिशत दे दिया था। इसके बाद बाकी रकम रजिस्ट्री कराते समय देने का वादा किया गया। तीन वर्ष गुजर जाने के बाद भी यहां ६० से अधिक किसान ऐसे हैं, जिनको बिल्डर्स ने जमीन की पूरी कीमत नहीं दी है। एग्रीमेंट के समय कुल पांच प्रतिशत देने के बाद बिल्डर किसानों को भूल गए। इसलिए किसानों को अब काफी दिक्कत हो रही है। किसान बिल्डर के दफ्तरों में पूरी पेंमेंट लेने के लिए धक्के खाते रहते हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। बिल्डर धमकी देकर किसानों को भगा देते हैं। इसलिए वे इस बारे में डीसी व सीएम से इसकी शिकायत करेंगे। यही नहीं बेशक बिल्डर ने यहां जमीन अधिग्रहण कर ली है, लेकिन यहां एक भी किसान जमीन पर कब्जा नहीं देगा। हुडा ने भी यहां १६ लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से जमीन का अधिग्रहण किया था और बाद में यह राशि भी पर्याप्त नहीं बढ़ाई गई। इसलिए हुडा को भी यहां कब्जा नहीं दिया जाएगा। बिल्डर न केवल किसानों के साथ बल्कि यहां निवेश कर रहे फ्लैट धारकों के साथ भी धोखा कर रहे हैं। निवेशकों को भी अभी तक फ्लैट नहीं दिए गए हैं। यहां तक कि कई निवेशकों को यह भी विश्वास नहीं रहा है कि उनको फ्लैट मिलेगा या नहीं। वशिष्ठ ने सरकार व बिल्डर को चेतावनी दी है कि जब तक उनको उचित मुआवजा नहीं मिल जाता तब तक वे यहां डवलपमेंट नहीं होने देंगे।