by yogesh » Sat Dec 22, 2012 11:26 am
मूलभूत सुविधाओं का मुद्दा फिर उठा
जागरण संवाद केंद्र, फरीदाबाद : ग्रेटर फरीदाबाद में मूलभूत सुविधाओं का मुद्दा एक बार फिर जिला प्रशासन के समक्ष जोरशोर से उठाया गया है। ग्रेटर फरीदाबाद वेलफेयर एसोसिएशन (जीएफडब्ल्यूए) ने शुक्रवार जिला उपायुक्त बलराज सिंह को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि सरकार ने निजी बिल्डर के माध्यम से बाह्य विकास शुल्क (ईडीसी) की राशि लेने के बावजूद भी ग्रेटर फरीदाबाद में विकास कार्य पूरे नहीं कराए हैं। जिला उपायुक्त ने शुक्रवार को ग्रेटर फरीदाबाद में ग्रुप हाउसिंग सोसायटी व बिल्डरों की बैठक बुलाई थी। इसमें ग्रेटर फरीदाबाद वेलफेयर एसोसिएशन ने भी अपनी मांगे रखीं। एसोसिएशन ने जहां सरकार के नगर एवं ग्राम आयोजन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए जानी वाली मूलभूत सुविधाओं का मुद्दा उठाया, वहीं निजी बिल्डर कंपनियों की निवेशकों के साथ धोखाधड़ी पर भी अंकुश लगाने की मांग की है। एसोसिएशन ने उपायुक्त को अलग ज्ञापन देकर मांग की है कि ग्रेटर फरीदाबाद में हो रहे निर्माण की गुणवत्ता की जांच कराई जाए। बैठक में जीएफडब्ल्यूए की ओर से कार्यकारी अध्यक्ष नरेंद्र छाबड़ा, महासचिव अजय यादव, संयुक्त सचिव उमेश प्रभाकर, कोषाध्यक्ष विनीत, कुमुद सहित तमाम लोग मौजूद थे। कॉलोनाइजरों से परेशान दिखे निवेशक : जिला उपायुक्त से मिलने आए ग्रेटर फरीदाबाद में बन रहे विभिन्न प्रोजेक्टों में निवेश करने वाले निवेशक कॉलोनाइजरों से परेशान नजर आए। उनकी मुख्य समस्याओं में घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग, निवेशकों को बिना बनाए ले-आउट प्लान में बदलाव करना, पजेशन न देना, अधिक ईडीसी शुल्क की मांग, निवेशकों से ईडीसी लेने के बावजूद सरकार के पास न जमा करवाना, पजेशन देने के बावजूद सोसायटी आरडब्लयूए के सुपुर्द न करने जैसी समस्याएं निवेशकों ने उपायुक्त के समक्ष रखी। सभी प्रोजेक्ट की सुरक्षा होगी सुनिश्चित : उपायुक्त का कहना है कि ग्रेटर फरीदाबाद में निर्माणाधीन सभी रिहायशी प्रोजेक्ट के निर्माण की गुणवत्ता जांचने का काम राज्य के लोक निर्माण एवं भवन विभाग सहित आइआइटी इंजीनियरों से भी कराया जाएगा। घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग करने वाले किसी भी कॉलोनाइजर को बक्शा नहीं जाएगा।