by praveenleena » Mon Sep 30, 2013 9:29 am
चौथे पुल के निर्माण की तैयारियां शुरू : ग्रेटर फरीदाबाद से कनेक्टिविटी होगी बेहतर
Sep 28, 2013, 08.00AM IST
एनबीटी न्यूज ॥ फरीदाबाद
ग्रेटर फरीदाबाद को फरीदाबाद से जोड़ने के लिए गुड़गांव नहर पर बनने वाले चौथे पुल के निर्माण की तैयारियां सिंचाई विभाग ने शुरू कर दी हैं। इस 6 लेन पुल के लिए विभाग की ओर से 5 करोड़ 50 लाख रुपये के टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि 30 सितंबर को टेंडर खोले जाएंगे। इसके बाद अगले महीने के अंत तक पुल का निर्माण शुरू हो सकता है। पुल का काम पूरा होने में कम से कम एक साल लगेगा।
हरियाणा सिंचाई विभाग ने तेज की कवायद
फरीदाबाद और ग्रेटर फरीदाबाद के बीच की दूरी कम करने के लिए आगरा और गुड़गांव नहर पर 4 पुलों का निर्माण किया जाना है। आगरा नहर पर यूपी सिंचाई विभाग और गुड़गांव नहर पर हरियाणा सिंचाई विभाग पुल का निर्माण कर रहे हैं। पैसे का भुगतान हूडा की ओर से किया जा रहा है। गुड़गांव नहर पर हरियाणा सिंचाई विभाग की ओर से पुलों के निर्माण की कवायद शुरू हो चुकी है। सिंचाई विभाग ने सेक्टर 3-8 की डिवाइडिंग रोड के पास पहले पुल का निर्माण शुरू किया हुआ है। इसका लगभग 45 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। सेक्टर 14-17 की डिवाइडिंग रोड के पास बनने वाले दूसरे पुल का निर्माण भी विभाग ने शुरू कर दिया है। यहां पाइलिंग की जा रही है। सेक्टर 17-18 की डिवाइडिंग रोड के पास बनने वाले तीसरे पुल के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। कंस्ट्रक्शन कंपनी जल्द ही काम शुरू कर देगी।
लास्ट पुल के लिए एक साल की डेडलाइन
चौथे पुल के निर्माण की तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। यह पुल सेक्टर 19-29 की डिवाइडिंग रोड के पास बनाया जाना है, जो ग्रेटर फरीदाबाद में सेक्टर-87 की आउटर रोड के पास जाकर मिलेगा। यह पुल बाईपास रोड से शुरू होगा और आगरा नहर तक जाएगा। उसके बाद आगरा नहर पर बनने वाला पुल ग्रेटर फरीदाबाद में सेक्टर-87 की आउटर रोड से कनेक्ट होगा। पुल के बनने के बाद ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टर-86, 87, 88, 84, 85, 90 और आसपास के दर्जनों गांवों के लोग इस पुल का यूज कर बाईपास रोड और नैशनल हाइवे तक पहुंच सकेंगे। गुड़गांव नहर पर बनने वाले चौथे पुल के निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। टेंडर की प्रक्रिया पूरी करने के बाद अगले महीने के अंत तक पुल का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।
- संदीप तनेजा, ईएक्सईन, सिंचाई विभाग