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जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (हुडा) से विवेकाधीन कोटे के तहत एक से ज्यादा प्लाट लेने के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हुडा के मुख्य प्रशासक को सही जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है।
वीरवार को सुनवाई के दौरान हुडा प्रशासक एके सिंह ने बेंच के सामने पेश होकर एक हलफनामा दिया, लेकिन बाद में कुछ त्रुटि के कारण उसे वापस ले लिया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हुडा प्रशासक से कहा कि वह हलफनामा देकर यह बताएं कि एक से अधिक प्लाट लेने के मामले में कितनी एफआइआर दर्ज हुई है और कितने लोगो के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया।
बहस के दौरान यह बात सामने आई कि हुडा के पूर्व मुख्य प्रशासक टीसी गुप्ता ने जब हलफनामा दिया था तो उस समय उनकी पत्नी के नाम से एक प्लाट था जो हलफनामा देने से कुछ माह पूर्व बेच दिया गया था। अब टीसी गुप्ता के पास केवल एक प्लाट है। इस पर बेंच ने हुडा के मुख्य प्रशासक को कहा कि वो यह जांच करें कि क्या इस मामले में गुप्ता ने कोई बात छिपाई है या नही और इस पर क्या कार्रवाई हो सकती हैं।
सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता ने बेंच को पचास से ज्यादा डिफेंस लोगो की एक सूची दी जिसने एक से ज्यादा प्लाट लिए हैं। यह भी जानकारी दी गई कि फरीदाबाद में वकील कोटे से दो मालियों कृष्ण कुमार व महावीर प्रसाद को प्लाट जारी कर दिए गए। इस पर बेंच ने कहा कि किस अधिकारी ने यह कारनामा किया है इसकी जांच कर बेंच को दी जाए।
जस्टिस दया चौधरी ने हुडा के मुख्य प्रशासक को आदेश दिया कि वो इस सूची की जांच करे। इस मामले पर अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी। बेंच ने हुडा के मुख्य प्रशासक पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि आप लोग इस मामले में सही जांच नहीं कर रहे हैं। हुडा ने स्वयं बेंच के सामने माना कि इनमे जज, मंत्री, आइएएस व आइपीएस हैं। इस पर बेंच ने हुडा के मुख्य प्रशासक से सवाल किया कि जब उनके पास यह नाम है तो उनके खिलाफ मामला दर्ज क्यों नही किया जा रहा हैं। बेंच ने सभी पक्षों को इस मामले की सही जांच के बारे में सुझाव देने का भी आग्रह किया।
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