by umesh.prabhakar1965@rediffmail.com » Thu Nov 06, 2014 5:36 pm
चंडीगढ। हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने प्रदेश के मुख्य सचिव पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान प्रॉपर्टी मालिकों से एक्सटर्नल डिवेलपमेंट चार्ज (ईडीसी) के रूप में वसूल गए 17 हजार करोड रूपए से ज्यादा की रकम के बारे में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। भाजपा ने यह मुद्दा विधानसभा चुनाव के दौरान जोरशोर से उठाया था। अंग्रेजी दैनिक इकॉनोमिक्स टाइम्स के मुताबिक, एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार को आशंका है कि ईडीसी की रकम का एक बडा हिस्सा सरकारी खजाने में यूं ही पडा है।
अधिकारी के मुताबिक, स्टेटस रिपोर्ट में यह भी जानकारी देने को कहा गया है कि अब तक कितनी रकम एकत्रित की गई और किन-किन मदों में खर्च की गई और ईडीसी पर अभी कितनी रकम खर्च होनी है। मुख्यमंत्री खट्टर की अध्यक्षता में सोमवार को हुई पहली कैबिनेट मीटिंग होने के कुछ ही घंटे बाद वित्त सचिव ने एक प्रेजेंटेशन दिया, जिसमें बताया गया था कि सरकार पर कितने कर्ज का बोझ है। इस प्रजेंटेशन में ईडीसी का हिस्सा नहीं था, लिहाजा कैबिनेट मंत्रियों ने इसके मौजूदा हाल पर रिपोर्ट देने की मांग की। गौरतलब है कि ईडीसी का मामला पहले ही अदालत में चल रहा है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के बार-बार कहने पर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने जुटाई गई रकम का ब्यौरा दिया था।
हुड्डा के हलफनामे में कहा गया था कि डिपार्टमेंट ने विभिन्न जिलों से 31 मार्च 2013 तक इस मद में 17 हजार करोड रूपए से ज्यादा इकटा किए थे। हालांकि इस मामले में हुड्डा द्वारा दिखाया गया खर्च कोर्ट के गले नहीं उतरा था। प्रदेश में प्लॉट या फ्लैट मालिकों से ईडीसी के रूप में जो रकम ली जाती है, उसका इस्तेमाल सडकों, सीवेज, वॉटर सप्लाई, ड्रेनेज, हॉस्पिटल, स्टेडयिम, फायर स्टेशन आदि बनाने में करने का नियम है। एक अधिकारी ने बताया कि प्रदेश सरकार को आशंका है कि इस रकम का एक बडा हिस्सा सरकारी खजाने में यूं ही पडा हुआ है। विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने हुड्डा सरकार और अधिकारियों के खिलाफ इस बात की सीबीआई जांच की मांग की थी कि वे यह रकम क्यों नहीं खर्च कर रहे हैं और बची हुई रकम के बारे में संतोषजनक जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं। भाजपा ने आरोप लगाया था कि पिछली सरकार ने इस राशि का दुरूपयोग किया और अधिकारियों ने प्राइवेट बैंकों सहित कई बैंकों में यह रकम जमा कर ली। हुड्डा के हलफनामे में कहा गया था कि अतिरिक्त रकम बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में पडी हुई है।
ÃÂÃÂ भाजपा ने आरोप लगाया था कि यह रकम नेताओं और नौकरशाहों की मर्जी से इधर-उधर ट्रांसफर की जा रही है। पार्टी ने यह आरोप भी लगाया था कि हुड्डा सरकार ने प्रदेश के महालेखाकार से इस बारे में वैध तरीके से ऑडिट नहीं कराया। हु्ड्डा ने कहा था कि ईडीसी के कलेक्शन से खर्च न हुए पैसे पर मिले ब्याज का इस्तेमाल प्रॉजेक्ट्स के लिए उपलब्ध फंड और वास्तविक लागत का अंतर पाटने में किया गया। सरकारी अधिकारियों ने जिन मदों में रकम खर्च करने की बात की थी, उस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई थी।