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केंद्र बताएगा, कैसे जाएं उस पार
नैशनल हाइवे को पार करने की समस्या अब केंद्र के पाले में पहुंच गई है। पुलिस अफसरों को उम्मीद है कि केंद्र को भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। वे एनएच -2 के सिक्स लेन होने की डीपीआर में संशोधन की उम्मीद कर रहे हैं।
शहर के बीचोंबीच से गुजर रहे नैशनल हाइवे -2 को पार करना जानलेवा हो चुका है। बदरपुर बॉॅर्डर से बल्लभगढ़ पार करने तक हर चौराहे और मुख्य स्थानों पर पैदल यात्रियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। इस मुद्दे को एनबीटी ने 7 जनवरी के अंक में ' सड़क पार करना नदी पार करने जैसा ' शीर्षक के तहत प्रकाशित किया था। इसके बाद ट्रैफिक पुलिस ने इस समस्या पर ध्यान देकर इसे दूर करने की कवायद शुरू की। यह कवायद अब केंद्र सरकार के पास पहुंच चुकी है। केंद्र की ओर से प्रस्ताव को मंजूरी मिलने और एनएच 2 के सिक्स लेन होने की डीपीआर में संशोधन की उम्मीद पुलिस अधिकारी कर रहे हैं।
फिलहाल नहीं फुट ओवरब्रिज या अंडरपास का प्रावधान
बदरपुर बॉर्डर से आगरा तक सिक्स लेन किए जा रहे नैशनल हाइवे -2 पर बॉर्डर से बल्लभगढ़ के बीच पैदल यात्रियों को हाइवे क्रॉस कराने के लिए फिलहाल फुट ओवरब्रिज और अंडरपास का कोई प्रावधान नहीं है। यह बात एनएचएआई फरीदाबाद के अधिकारी भी मानते हैं। एनएचएआई फरीदाबाद के एक अधिकारी ने बताया कि जरूरी है लोकल अथॉरिटी पहल करे और एनएचएआई को इस संबंध में लिखें। अभी न तो ट्रैफिक पुलिस और न ही अन्य किसी लोकल अथॉरिटी से कोई प्रस्ताव एनएचएआई को दिया है। जब तक एनएचएआई को प्रस्ताव नहीं मिलता , तब तक इस पर विचार नहीं किया जा सकता।
क्या राय है एनएचएआई की
एनएचएआई अधिकारी के मुताबिक जैसे दिल्ली में ट्रैफिक सिग्नल लगाने पर पैदल यात्रियों का ध्यान रखा गया है , उसी तर्ज पर ट्रैफिक पुलिस को कोशिश करनी चाहिए कि ऐसा प्रावधान यहां भी किया जाए। एनएच 2 के सिक्स लेन होने के साथ ही हाइवे पर मौजूद ट्रैफिक सिग्नलों को बदलना होगा। ऐसे में बेहतर होगा कि अभी से ट्रैफिक पुलिस इस पर काम कर ले , जिससे नैशनल हाइवे पर लगाई जाने वाले सभी ट्रैफिक सिग्नलों में पैदल यात्रियों को निकाले जाने का भी इंतजाम हो।
केंद्र तक पहुंचाया प्रपोजल : जेसीपी
जॉइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस अनिल कुमार राव ने बताया कि सिक्स लेन हो रहे एनएच टू की डीपीआर में संशोधन फरीदाबाद एनएचएआई अधिकारी नहीं कर सकते। इसके लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर हरियाणा सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजी गई है। इस प्रपोजल में ऐसा नहीं है कि सिर्फ फुट ओवरब्रिज की मांग की गई है। इसमें कहा गया है कि बदरपुर बॉर्डर से बल्लभगढ़ तक पैदल यात्रियों को हाइवे पार कराने के लिए चाहें फुट ओवरब्रिज बनाए जाएं या अंडरपास , लेकिन इनका ध्यान रखा जाए। उम्मीद है कि जल्द केंद्र सरकार इसके लिए एनएचएआई को निर्देश देगी।
एनएचएआइ ने जमीन अधिग्रहण के लिए लगाए निशान
May 16, 12:57 am
बल्लभगढ़, वरिष्ठ संवाददाता : राष्ट्रीय राजमार्ग को छह लेन बनाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने राजमार्ग को छह लेन का बनाने के लिए सड़क के किनारे बसे उन गांवों में भी निशान लगा दिए हैं, जिनकी जमीन अधिगृहीत की जानी है। जमीन अधिग्रहण के लिए प्राधिकरण की ओर से लगाए गए निशानों से ग्रामीणों में हड़कंप मचा है। असल में अधिग्रहण निशान दायरे में कुछ गांवों के मकान भी आ रहे हैं।
प्राधिकरण ने इन निर्माणों को तोड़ने के लिए सड़क के किनारे बसे गांवों में निशान लगा दिए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे बसे गांवों के लोगों ने दुकानें बनाई हैं। राजमार्ग को छह लेन बनाया जाना है। उसका निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है। उसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने सड़क के केंद्र से दोनों ओर 100-100 फुट (90-90 मीटर) जमीन लेने के लिए निशान लगा दिए हैं। उससे गांव झाड़सेंतली, सीकरी और कैली में काफी तोड़फोड़ की जानी है। उससे इन गांवों में लोगों की दुकानदारी चौपट हो जाएगी। सीकरी गांव निवासी डालचंद, भानू प्रकाश, कुलदीप और कृष्ण का कहना है कि यह भूमि उनकी है, एनएचएआइ की नहीं। प्राधिकरण उनकी जमीन का अधिग्रहण करता है, तो क्या उन्हें इतना मुआवजा मिल सकेगा, जितना वे अपने धंधे में कमा लेते हैं। लोगों को उनके धंधे के बदले में क्या कहीं कोई नौकरी दी जाएगी। प्राधिकरण सिर्फ निशान तक ही जमीन अधिग्रहण करता है या फिर इससे ज्यादा करता है, यह सब अभी तय होना है।
प्राधिकरण ने अभी तक ग्रामीणों को कुछ भी नहीं बताया है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरुण जग्गा का कहना है कि निशान लगाए गए हैं। उसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) अभी तैयार नहीं की गई है। डीपीआर तैयार करते समय यह तय किया जाएगा कि विभाग को कितनी जमीन का अधिग्रहण करना है। अभी तक जो निशान उनके विभाग ने लगाए हैं, वह सड़क के केंद्र से दोनों ओर 90-90 मीटर की दूरी पर लगाए गए हैं, लेकिन ये अंतिम नहीं हैं। यदि ज्यादा जमीन की आवश्यकता पड़ी, तो निशान को आगे बढ़ाया जा सकता है।
सपना है दिल्ली-आगरा हाइवे का सिक्स लेन
फरीदाबाद। दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर गाड़ियों को सरपट दौड़ाने का सपना जल्दी पूरा होता नहीं दिख रहा है। वर्तमान में बन रही स्थितियों को देखते हुए यह साफ हो गया है कि वर्ष 2015 तक राष्ट्रीय राजमार्ग सिक्स लेन का निर्माण नहीं हो सके गा। गौरतलब है कि दिल्ली की सीमा से किलोमीटर नंबर 20.50 से शुरू होकर आगरा में सिकंदरा के निकट किलोमीटर नंबर 199.60 तक 179.10 किलोमीटर लंबा सिक्स लेन बनना है। हाइवे पर यातायात का भार कम करने के लिए इस हाईवे पर 25 फ्लाईओवर बनाने की भी योजना है। सरकारी विभागों से मिलने वाली एनओसी की लेटलतीफी के चलते सिक्स लेन रोड का काम पूरा होता नहीं दिख रहा है।
पेड़ बन रहे है रोड़ा
आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग को सिक्स लेन बनाने के रास्ते में रोड़ा पेड़ बन रहे है। इस मार्ग में दिल्ली से आगरा तक करीब 55 हजार पेड़ काटेंगे। पेड़ों क ो काटने से पहले पर्यावरण मंत्रालय की एनओसी लेना जरूरी है। एनओसी का मामला करीब नौ महीने से पर्यावरण मंत्रालय में लटका हुआ है जिसकी वजह से सिक्स लेन बनने का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। एनएचएआई से मिली जानकारी के अनुसार टेंडर में यह शर्त रखी गई है कि करीब पौने तीन साल के अंदर कार्य पूरा करना होगा। पर्यावरण मंत्रालय से एनओसी मिलने में देर होने के कारण मार्ग निर्माण के काम में रुकावट आ रही है। इस संबध में एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरुण जग्गा ने बताया कि एनओसी मिलने का ही इंतजार किया जा रहा है एनओसी मिलते ही जल्दी काम शुरू हो जाएगा।
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