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फरीदाबाद. नहरपार सेक्टर डेवलपमेंट में फ्लैटधारकों के साथ ठगी करने वाले बिल्डर्स की राह अब आसान नहीं होगी। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के महानिदेशक टीसी गुप्ता ने आदेश जारी कर सभी बिल्डर्स को अपने प्रोजेक्ट के बारे में पूरी डिटेल सार्वजनिक करने के आदेश दिए हैं। यही नहीं बिल्डर्स द्वारा जारी किए जाने वाले विज्ञापन में भी प्रोजेक्ट की रिपोर्ट दिखाई जाएगी। यदि ऐसा नहीं हुआ तो बिल्डर का लाइसेंस कैंसिल करने का प्रावधान रखा गया है।
क्या हैं आदेश
महानिदेशक के आदेश हैं कि सभी बिल्डर फ्लैट बुकिंग के लिए कहीं भी विज्ञापन देते समय प्रोजेक्ट से संबंधित पूरी जानकारी सार्वजनिक करें ताकि यहां निवेश करने वाले लोगों को पूरी जानकारी पता हो। बिल्डर्स अपने लाइसेंस नंबर, लाइसेंस लेने की तिथि, इसके पूरा होने की तिथि, किसके नाम लाइसेंस है, कहां-कहां कॉलोनी बसाई जाएगी, एरिया नंबर, लेआऊट प्लान, यहां कौन-कौन सी सुविधाएं दी जाएंगी के अलावा अन्य वे सभी चीजें शामिल होंगी जो वादे किए जाते हैं।
आदेश में कहा गया है कि उपभोक्ताओं के साथ हो रही ठगी के लिए यह जरूरी हो गया था। इसलिए आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा लोगों से अपील की गई है कि वे कहीं भी प्लॉट व फ्लैट में निवेश करने से पहले प्रोजेक्ट के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें। इसके लिए वे प्लानिंग के विभाग में भी संपर्क कर सकते हैं। बगैर जानकारी लिए कोई भी निवेश न करे।
बड़े ग्रुप हैं नहरपार
नहरपार डेवलपमेंट का काम पांच साल से चल रहा है। यहां डेवलपमेंट के लिए दर्जनभर से अधिक बड़े ग्रुपों एसआरएस, आरपीएस, बीपीटीपी, त्रिवेणी, पीयूष, ओमेक्स, शिव साई ग्रुप, एरा सहित अन्य ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। लाइसेंस मिलने के बाद इनमें से कई बिल्डर्स ने छोटे-मोटे कंस्ट्रक्शन कंपनियों को सब लाइसेंस दे दिए और यहां काम शुरू हो गया। विभागीय सूत्रों के अनुसार शुरुआत में यह लाइसेंस दो वर्ष के लिए दिया गया था।
फरीदाबाद, जागरण संवाद केंद्र :
लोगों को आशियाने देने के लुभावने सपने दिखाने वाले बिल्डरों के खिलाफ प्रदेश का नगर एवं ग्राम आयोजन विभाग शिकंजा कसेगा। विभाग के महानिदेशक टी.सी.गुप्ता ने आदेश जारी किए हैं कि विभाग से लाइसेंस व लेआउट प्लान मंजूर कराए बिना अपने प्रोजेक्ट को सेल करने वाले बिल्डरों को धोखाधड़ी की श्रेणी में रखा जाएगा। यदि कोई व्यक्ति किसी बिल्डर को इन आदेशों का उल्लंघन करते हुए पाता है तो वह मुख्यालय के अधिकारियों से संपर्क कर सकता है।
नगर एवं ग्राम आयोजन विभाग के अधिकारियों के पास बिल्डरों की मनमानी की कई शिकायतें आ रही हैं। विभाग के पास कोई भी ऐसी नीति नहीं है जिसके अंतर्गत विभाग इन बिल्डरों की मनमानी पर लगाम कस सके। यहां तक की जिला उपायुक्त डा.प्रवीण कुमार ने भी बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। परंतु पिछले दिनों ग्रेटर फरीदाबाद वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा किए गए बिल्डरों के खिलाफ प्रदर्शन के बाद इस मुद्दे को विभाग ने गंभीरता से लेना शुरू किया है। एक ओर जिला प्रशासन ने निवेशकों के साथ हुई बैठक में बिल्डरों के खिलाफ नीति लागू करने के लिए सुझाव मांगे हैं तो दूसरी ओर नगर एवं ग्राम आयोजन विभाग ने बिल्डरों की मनमानी रोकने के लिए उक्त नोटिस जारी किए हैं। महानिदेशक ने लोगों से भी आग्रह किया है कि बिल्डर से फ्लैट, प्लाट, हाऊसिंग सोसाइटी में घर, विला, दुकान आदि लेने से पहले बिल्डरों की पूरी तरह जांच पड़ताल कर लें। निवेशक बिल्डर का नाम, लाइसेंस लेने की तिथि, लेआउट प्लान की मंजूरी, बिल्डरों द्वारा दी जा रही मूलभूत सुविधाएं व कालोनी की किस्म आदि के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर लें।
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