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ग्रेटर फरीदाबाद में जमीन अधिग्रहण की राह आसान
9 Jul 2011, 0400 hrs IST
जेआईसी ने दी अधिग्रहण को मंजूरी, अब फैसला करेगी सरकार
-नहर पार इलाके में अब डिवेलप होंगे नए सेक्टर
-सेक्टर 84 से 89 तक सेक्टरों में हूडा की जमीन का अधिग्रहण होगा
-इन सेक्टरों में प्राइवेट बिल्डरों ने जमीन खरीद कर हाउसिंग प्रोजेक्ट भी शुरू किए
-पिछले दिनों सर्वे के बाद कमिटी ने 730 एकड़ जमीन के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी
एनबीटी न्यूज।। ग्रेटर फरीदाबाद
नहर पार ग्रेटर फरीदाबाद में डिवेलप होने वाले सेक्टरों के लिए जमीन के अधिग्रहण को संयुक्त निरीक्षण कमिटी (जेआईसी) ने मंजूरी दे दी है। पिछले दिनों सेक्टर 84 से 89 तक जमीन अधिग्रहण के लिए मंजूरी दी गई थी। अब उच्च अधिकारियों के पास इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है, जहां राज्य सरकार की अनुमति के बाद जमीन अधिगृहीत करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टर 84 और 89 तक 6 सेक्टरों में बीच जमीन अधिग्रहण के लिए निचले स्तर की कमिटी से मंजूरी मिली थी। अब हाई लेवल कमिटी और राज्य सरकार से भी इन सेक्टरों में बची हुई जमीन के अधिग्रहण की मंजूरी जल्द मिल जाएगी, जिसके बाद अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी।
डीटीपी संजीव मान ने बताया कि सेक्टर 84, 85, 86, 87, 88 और 89 में प्राइवेट बिल्डरों को जमीन के अधिग्रहण के लिए लाइसेंस दिया गया है। उन्होंने यहां काफी जमीन खरीद कर हाउसिंग प्रोजेक्ट शुरू किए हुए हैं। लेकिन जिस जमीन के अधिग्रहण की जिम्मेदारी हूडा की है, उस जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
संजीव मान ने बताया कि इन सेक्टरों में लगभग 730 एकड़ जमीन का अभी अधिग्रहण नहीं किया गया है। जमीन के अधिग्रहण के लिए संयुक्त निरीक्षण कमिटी ने इसका सर्वे किया था। इस कमिटी में हूडा प्रशासक की अध्यक्षता में इस्टेट ऑफिसर , लेंड एक्वायरेशन ऑफिसर , डीटीपी , एक्सईएन के साथ कुछ अन्य अधिकारी भी शामिल होते हैं। सर्वे के दौरान इन सभी पहलुओं पर ध्यान रखा जाता है कि जमीन पर कहीं अवैध निर्माण तो नहीं हैं या कहीं पर हाईटेंशन तार तो नहीं गुजर रही हैं या कोई अन्य ऐसी बाधा तो नहीं है , जिससे जमीन के अधिग्रहण में अड़चन आए। उन्होंने बताया कि कमिटी की मंजूरी मिलने के बाद अब राज्य सरकार जमीन अधिग्रहण के फैसले पर अपनी मुहर लगाएग ी।
भूमि अधिग्रहण प्रस्ताव को हरी झंडी
Story Update : Saturday, July 09, 2011 12:01 AM
फरीदाबाद। नहर पार गे्रटर फरीदाबाद में नए सेक्टरों को विकसित करने की तैयारी शुरू हो गई हैं। सेक्टर-८४ से सेक्टर-८९ तक करीब ७३० एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। अधिग्रहण के लिए गठित की गई जेआईसी (ज्वाइंट इंस्पेक्शन कमेटी) ने सर्वे का काम पूरा कर लिया है। कमेटी ने सर्वे के आधार पर अधिग्रहण के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। अब इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला राज्य सरकार लेगी।
गे्रटर फरीदाबाद में सेक्टर-८१, सेक्टर-८२ और सेक्टर-८३ में जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया के लिए प्रस्ताव पहले ही तैयार किया जा चुका है। तकरीबन ३५० एकड़ जमीन पर हुडा की रेजिडेंशियल टाउनशिप बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी के लिए सरकार के पास भेज दिया गया है। अब सेक्टर-८४, ८५, ८६, ८७, ८८ व ८९ के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द शुरू होने की संभावना है। इन सेक्टरों में प्राइवेट बिल्डरों द्वारा बनाई गई रेजिडेंशियल टाउनशिप से अलग बची हुई करीब ७३० एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण रिहायशी प्लॉट काटने की योजना बना रहा है।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट की प्लानिंग के आधार पर हुडा प्रशासक की अध्यक्षता में गठित की गई जेआईसी ने इन छह सेक्टरों का सर्वे किया था। सर्वे की कार्रवाई पूरी कर ली गई है और जेआईसी ने जमीन अधिग्रहण के प्रस्ताव पर मंजूरी की मोहर भी लगा दी है। हालांकि किसानों के आंदोलन के डर से हुडा के अधिकारी खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं। हुडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जल्द ही यह प्रस्ताव राज्य सरकार के पास मंजूरी के लिए भेज दिया जाएगा। राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के बाद सेक्शन ४ व ६ के तहत जमीन अधिग्रहण का नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा।
क्या होती है जेआईसी
दरअसल, जमीन अधिग्रहण की योजना पर निचले स्तर से संभावनाएं तलाशी जाती हैं। जिला स्तर पर एक वरिष्ठ अधिकारी के नेतृत्व में कमेटी गठित की जाती है, जिसे जेआईसी का नाम दिया जाता है। कमेटी अधिग्रहण की जाने वाली जमीन का बारीकियों से अध्ययन कर अपनी राय देती है। प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने से पहले जेआईसी सर्वे के आधार पर संभावना तलाशती है कि जमीन का अधिग्रहण किया जा सकता है या नहीं।
आसान नहीं है राह
नहरपार नए सेक्टरों में प्राइवेट बिल्डरों द्वारा बसाई जा रही टाउनशिप के लिए बिल्डरों ने सीधे तौर पर मोटी रकम देकर किसानों से जमीन की खरीद फरोख्त की थी। लेकिन किसान मुआवजा कम होने की दुहाई देकर सरकारी अधिग्रहण नीति का विरोध करते आए हैं। ऐसे में इस बार भी अधिग्रहण की राह में रोड़ा अटक सकता है। हालांकि इन छह सेक्टरों के लिए मुआवजे की घोषणा सेक्शन ९ की कार्रवाई के तहत की जाएगी।
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