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बिल्डरों पर मुकदमा ठोकेंगे किसान
3 Sep 2011, 0400 hrs IST
ग्रेटर फरीदाबाद।। नहर पार ग्रेटर फरीदाबाद में जमीन का विवाद सुलझता नजर नहीं आ रहा है। जहां एक तरफ किसान हूडा को अपनी जमीन पर कब्जा देेने के लिए तैयार नहीं हैं, वहीं किसान भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। किसान अब बिल्डरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की तैयारियों में जोर-शोर से जुटे हैं।
नहर पार ग्रेटर फरीदाबाद किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष शिवदत्त वशिष्ठ ने बताया कि किसानों के साथ प्राइवेट बिल्डर धोखाधड़ी कर रहे हैं। बिल्डर किसानों को मामूली सी रकम देकर इकरारनामा कर लेते हैं। इकरारनामे का समय खत्म होने के बाद भी किसानों से जमीन की रजिस्ट्री के लिए कोई बातचीत नहीं की जा रही है।
उन्होंने बताया कि बिल्डरों के साथ इकरारनामों को हुए 4 साल से भी ज्यादा समय बीत गया है, लेकिन अभी तक जमीन की रजिस्ट्री नहीं की गई है। वशिष्ठ का कहना है कि सेक्टर 75 और 80 के किसान आए दिन बिल्डरों के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन बिल्डर कंपनियों के प्रतिनिधि किसानों से मिलने से ही इंकार कर देते हैं।
दूसरी तरफ सरकार ने सेक्टर 75 और 80 में अधिगृहीत जमीन का बढ़ा हुआ मुआवजा भी अब तक किसानों को नहीं दिया है। किसान प्राइवेट बिल्डर और सरकार के बीच पिस रहा है। इसलिए नहर पार के किसानों ने बिल्डर कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया है। अब किसान इन कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराएंगे।
नहरपार मास्टर रोड का बजट मंजूर होने में लगेगा समय
Sep 09, 07:31 pm
फरीदाबाद, जागरण संवाद केंद्र : नहरपार मास्टर रोड का बजट मंजूर होने में थोड़ा समय लग सकता है। उच्चाधिकारियों ने इस बजट को लेकर कुछ जानकारी हुडा विभाग से मांगी है। विभाग को बताना होगा कि एनएचएआइ और पीडब्ल्यूडी बी एंड आर विभाग अपनी सड़कें बनवाने के लिए कितनी कीमत पर निर्माण सामग्री खरीदता है। इसी के अनुसार हुडा विभाग मास्टर रोड की निर्माण राशि तय करेगा।
गौरतलब है कि हुडा विभाग ने नहरपार विकसित हो रहे सेक्टरों की मास्टर रोड के लिए करीब एक वर्ष पहले विभाग ने इसका एस्टीमेट मात्र 275 करोड़ रुपये का बनाया था। लेकिन किसानों के विरोध के कारण यह एस्टीमेट उच्चाधिकारियों के पास मंजूरी के लिए नहीं भेजा गया। हाल ही में विभाग ने इस सड़क के निर्माण के लिए करीब 421 करोड़ रुपये का बजट तैयार करके उच्चाधिकारियों के पास भेजा है। एक वर्ष में यह राशि इतनी अधिक कैसे हो गई, इस बात पर उच्चाधिकारियों को थोड़ी आपत्ति है। बता दें कि इसमें विभाग ने सड़कें बनवाने के लिए उच्चतम तकनीक व सामग्री का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव रखा है। सड़कों के डिजाइन को कुरुक्षेत्र के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलोजी से खासतौर पर तैयार कराया गया है। सूत्रों ने बताया कि इन सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्ग में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री से तैयार किया जाएगा, ताकि यह सड़कें लंबे समय तक चल सकें। आमतौर पर सेक्टरों की सड़कों पर राजमार्ग की सामग्री से तैयार नहीं किया जाता है। इसके मद्देनजर उच्चाधिकारियों ने हुडा विभाग से उस कीमत के बारे में पता लगाने के लिए कहा गया है जिस कीमत से राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़कें बनाई जाती हैं। इस रिपोर्ट को बनाने में अधिकारियों को कुछ दिनों का समय लगेगा। इसलिए अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बजट को मंजूर होने में थोड़ा और समय लगेगा।
नए भूमि अधिग्रहण अधिनियम की बाट जोह रहे निवेशक
Sep 16, 07:06 pm
केंद्र सरकार की ओर से अब तक भूमि अधिग्रहण अधिनियम लागू न होने के कारण जिले में हुडा की 2200 एकड़ का भूमि अधिग्रहण लटका पड़ा है। जब तक नया अधिनियम लागू नहीं हो जाता तब तक यह प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकती। इस वजह से खासतौर पर नहरपार क्षेत्र में विकसित होने वाले सेक्टरों के विकास कार्यो पर असर पड़ रहा है।
विदित हो कि राज्य सरकार ने जुलाई माह में राज्य में होने वाले भूमि अधिग्रहण पर रोक लगा दी थी।
बता दें कि ग्रेटर फरीदाबाद में सेक्टर 75 से 89 विकसित किए जाने हैं। इनमें से सेक्टर-75 से 78 तक और सेक्टर-79 व 80 निजी बिल्डरों ने विकसित कर दिए हैं। इसके अलावा रिहायशी सेक्टर 81, 82 व 83 के लिए भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव उच्चाधिकारियों के पास भेजा जा चुका है। सेक्टर 84 से 89 और वाणिज्यिक सेक्टर 79 का प्रस्ताव अब तक तैयार भी नहीं हुआ है। ऐसे में सेक्टर- 81 से 89 तक अधिग्रहण की प्रक्रिया अटकी पड़ी है।
इसके मद्देनजर नहरपार क्षेत्र में निवेश कर चुके लोगों को डर सताने लगा है कि यदि भूमि अधिग्रहण अधिनियम जल्द लागू नहीं किया गया तो इस क्षेत्र में विकास कार्यो में विलंब होता रहेगा और वह अपने नहरपार के घरों में बसर नहीं कर पाएंगे। हालांकि मास्टर रोड के लिए विभाग ने काफी जमीन का कब्जा ले लिया है लेकिन अभी अधिकारियों को बजट मंजूर होने का इंतजार है जिसके बाद यहां सड़कों का जाल बिछना शुरू हो जाएगा।
हुडा प्रशासक अजीत बालाजी जोशी ने बताया कि नहरपार क्षेत्र के विकास कार्य पहले ही काफी विलंबित हो चुके हैं। भूमि अधिग्रहण अधिनियम लागू न होने के कारण नए सेक्टरों का प्रस्ताव मंजूर नहीं हो सका है। उच्चाधिकारियों के आदेश आने के बाद ही इस बाबत कार्रवाई हो सकेगी।
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