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Reliance Infra’s Delhi-Agra road upgrade still in cul-de-sac
Published: Thursday, Oct 6, 2011, 8:00 IST
By Ashutosh Kumar | Place: New Delhi | Agency: DNA
Reliance Infrastructure’s Rs1,928 crore national highway upgrade project between Delhi and Agra has been stuck over clearance from the Ministry of Environment and Forests (MoEF) for more than a year now - a development that is likely to lead to cost escalation in the project.
The 180 km project spanning Haryana and Uttar Pradesh is part of the Phase Five of the National Highways Development Programme, which envisages expansion to six-laning of 6,500 km of highway network.
The phase assumes significance as upgrade of the entire golden quadrilateral (5,846 km) to six-lane standards is a part of it.
Reliance Infrastructure bagged the project from the National Highways Authority of India (NHAI) in May 2010. The company, however, has still not been able to start construction on the road.
The project is being developed on a build, operate and transfer (BoT), toll basis. Analysts, on conditions of anonymity, peg the cost escalation at round 10% as of now.
NHAI, meanwhile, has said that the issue will be resolved in the next one month. Explaining the matter, a NHAI official said, “The clearance involves an area where a toll plaza will be coming up. The clearances happen in two stages. In the first stage, the terms of references are approved by the Union environment ministry. In this project, the MoEF has approved the terms of references four months back.”
In the second stage, public hearing takes place. It is here that the matter is stuck for Reliance Infrastructure. “The public hearing has been completed in Uttar Pradesh. In Haryana, the hearing is scheduled for October 13. Once that is done, the report will be submitted to the MoEF,” said the official.
The company has a portfolio of 11 road projects spanning 970 km, worth Rs12,000 crore. Of these, at least seven will become operational by the end of the current financial year.
एक सप्ताह में दोबारा होगा राजमार्ग का सर्वे
Oct 13, 08:17 pm
फरीदाबाद, जागरण संवाद केंद्र : दिल्ली से आगरा तक राष्ट्रीय राजमार्ग को छह लेन बनाने की योजना पर आयोजित लोक सुनवाई बैठक में एनएचएआइ और कंसलटेंट कंपनी के आधे अधूरे होमवर्क से जिला उपायुक्त डा.प्रवीण कुमार बिफर गए। उन्होंने अधिकारियों की जमकर क्लास ली और उनसे राजमार्ग को छह लेन करने के दौरान पानी निकासी, अंडरब्रिज, फुटओवर ब्रिज, बस क्यू शेल्टर, पार्किग, ग्रीनबेल्ट की क्या योजना है के बारे में पूछा। उन्होंने अधिकारियों को एक सप्ताह में दोबारा सर्वे करने के आदेश दिए हैं, जिसमें उनके साथ जिला प्रशासन की टीम भी मौजूद होगी। उन्होंने राजमार्ग के दोनों तरफ आ रहे 7152 पेड़ों को काटने की बजाय जितने ज्यादा से ज्यादा संभव हो उन्हें दूसरी जगह स्थानांतरित करने पर जोर दिया।
राजमार्ग को छह लेनमार्गी करने के संबंध में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने लोक सुनवाई बैठक का आयोजन किया था। नगर निगम सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता जिला उपायुक्त डा.प्रवीण कुमार ने की। बैठक के दौरान जब कंसलटेंट कंपनी अपना प्रजेंटेशन दे रही थी तो डा. कुमार ने उन्हें बीच में ही रोक दिया। जिला उपायुक्त ने एनएचएआइ अधिकारियों व कंसलटेंट कंपनी से सवाल किया कि उनके पास क्या कोई ऐसा सर्वे है, जिसमें पता चल सके कि छह लेन होने के बाद राजमार्ग पार करने वालों के सामने क्या दिक्कतें आएगी, उनके लिए फुटओवर ब्रिज, अंडर पास इसका कोई प्रावधान किया गया है। फुटओवर ब्रिज पर भी बुजुर्ग सीढि़यां नहीं चढ़ पाते हैं, ऐसे में वहां एलिवेटर या लिफ्ट की व्यवस्था, पुलों के नीचे से वाहनों को गुजरने के लिए कितना स्थान छोड़ा जाएगा, जिससे जाम न लगे। इस पर अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं था। यह देखकर जिला उपायुक्त अधिकारियों पर जमकर बरसे और दोबारा सर्वे करवाने के आदेश दिए।
इस मौके पर एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरुण जग्गा, सीईएस कंसलटेंट कंपनी की डा. लक्ष्मी रावत, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी करण सिंह सहारन, वैज्ञानिक पीकेएमके दास सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद थे।
क्या आई शिकायत और सुझाव
बैठक के दौरान गांव झाड़सेंतली से आए सत्यवीर डागर ने जिला उपायुक्त को बताया कि उनके गांव की आबादी राजमार्ग के दोनों तरफ बसी है। ऐसे में लोगों के आने जाने के लिए किसी प्रकार के अंडर पास का कोई प्रावधान नहीं किया गया है। सीकरी से आए राजेंद्र सिंह शाहपुर रोड पर फ्लाइओवर, आरके जैन ने फुटओवर ब्रिज पर एलिवेटर की सुविधा, अंजू अग्रवाल ने सेक्टर-31 इंटरसेक्शन का दोबारा सर्वे कराने का सुझाव दिया।
राजमार्ग पर कहां-कहां बनने हैं फ्लाइओवर
दिल्ली से आगरा तक राजमार्ग पर 16 छह लेन फ्लाइओवर बनाए जाने हैं। इनमें से फरीदाबाद में छह फ्लाइओवर बनेंगे, जोकि एनएचपीसी चौक, बड़खल चौक, पुराना फरीदाबाद चौक, अजरौंदा चौक, बाटा मोड़ व बल्लभगढ़ में बनाए जाएंगे। इसके अलावा सेक्टर-59 में अंडर पास बनाया जाना प्रस्तावित है। बदरपुर बार्डर से बल्लभगढ़ तक राजमार्ग के दोनों तरफ 14 बस क्यू शेल्टर प्रस्तावित हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग छह लेन करने का काम शीघ्र शुरू हो
Nov 11, 08:44 pm
Twitter Delicious Facebook फरीदाबाद, जासंकें : राष्ट्रीय राजमार्ग को छह लेन करने के लिए शुक्रवार को पुलिस आयुक्त शत्रुजीत सिंह के कार्यालय में एक बैठक आयोजित हुई। इसमें सिटी मजिस्ट्रेट प्रदीप गोदारा, नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया के अधिकारी, नगर निगम और हुडा के अधिकारी भी मौजूद थे। इस बैठक के बाद संयुक्त पुलिस आयुक्त अनिल कुमार राव ने राष्ट्रीय राजमार्ग का निरीक्षण भी किया।
नवनियुक्त पुलिस आयुक्त की सिटी मजिस्ट्रेट प्रदीप गोदारा, नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरूण जग्गा, नगर निगम और हुडा के अधिकारियों के साथ पहली बैठक थी। इस बैठक में राष्ट्रीय राजमार्ग को छह लेन करने के बारे में गहनता से विचार-विमर्श हुआ। पुलिस आयुक्त ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग को छह लेन करने का काम जल्द ही शुरू किया जाए और इस कार्य को करने में आने वाली बाधाओं से निबटने के लिए रणनीति बनाई जाए। सराय ख्वाजा से बल्लभगढ़ तक जहां-जहां से राष्ट्रीय राजमार्ग टूटा है, उस जगह से उसे दुरूस्त किया जाए। सर्दी में पड़ने वाली धुंध से निबटने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग पर रोशनी की भी उचित व्यवस्था की जाए। खराब स्ट्रीट लाइटों को जल्द बदला जाए, ताकि रात के समय आने वाले वाहन चालकों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।
बैठक के बाद संयुक्त पुलिस आयुक्त अनिल कुमार राव ने उक्त अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को कुछ ऐसे प्वाइंटस चिंहित कराए, जहां से सड़क टूटी हुई है। इसके अलावा उन्होंने बल्लभगढ़ के सरकारी अस्पताल के सामने ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए यातायात थाना प्रभारी आत्माराम लांबा को दिशा-निर्देश दिए।
सरकार के पाले में पहुंची सिक्सलेन की गेंद
Story Update : Sunday, December 11, 2011 12:01 AM
फरीदाबाद। दिल्ली-आगरा हाइवे को सिक्सलेन करने की योजना अब राज्य सरकार के पाले में पहुंच गई है। डिजाइन में बदलाव किए बिना काम शुरू करने पर अड़े भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के खिलाफ जिला प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार किया है। जिला उपायुक्त ने डिजाइन में बदलाव को लेकर सरकार और एनएचएआई चेयरमैन को पत्र लिखा है।
नेशनल हाइवे को छह लेन बनाने का प्रस्ताव मंजूर हो चुका है, लेकिन इसकी डिजाइनिंग पर जिला प्रशासन ने आपत्ति जताई थी। प्रशासन ने सिक्सलेन प्रोजेक्ट के डिजाइन में तब्दीली करने की जरूरत समझते हुए एनएचएआई अधिकारियों को इससे अवगत भी करा दिया था। लेकिन इससे बेफिक्र एनएचएआई जल्द ही निर्माण शुरू करने की तैयारियों में जुटा है। इसलिए अब प्रशासन ने सीधे ही इस मुद्दे को मुख्यमंत्री के समक्ष रख दिया है। हाइवे की प्रत्येक क्रॉसिंग पर पुल नहीं होने से भविष्य में समस्या किस तरह विकराल हो सकती है। यह बात सरकार को भी समझ में आती दिखाई दे रही है।
वहीं, जिला प्रशासन ने एनएचएआई के चेयरमैन को पत्र लिखा है। जिसमें, हाईवे पर पुलों की संख्या ७ से बढ़ाकर १७ करने की दलील दी गई है। इसका विकल्प सुझाते हुए बदरपुर से बल्लभगढ़ तक एलिवेटेड हाइवे का सुझाव भी एनएचएआई को दिया गया है। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए मौजूदा डिजाइन के आधार पर काम शुरू नहीं होने दिया जाएगा।
‘सिक्सलेन प्रोजेक्ट के डिजाइन में बदलाव को लेकर मुख्यमंत्री से बातचीत हो गई है। इसके अलावा एनएचएआई को भी पत्र लिखा गया है।’
-राकेश गुप्ता-जिला उपायुक्त, फरीदाबाद-
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