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मास्टर रोड में चार कंपनियों की रुचि
Story Update : Thursday, February 16, 2012 12:01 AM
फरीदाबाद। ग्रेटर फरीदाबाद के विभिन्न सेक्टरों को आपस में जोड़ने के लिए प्रस्तावित मास्टर रोड का निर्माण कार्य इस महीने शुरू होने की संभावना है। बुधवार को मास्टर रोड के टेंडर खोल दिए गए। चार कंपनियों ने इसके निर्माण में रुचि दिखाई है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) की इंजीनियरिंग शाखा ने टेंडर को अंतिम मंजूरी के लिए मुख्यालय भेज दिया है।
Manoranjan wrote:Calling tenders for a project and opening the same to find out the lowest bidder is not a big deal. In fact, the real work is awarding the contract of the work to an eligible and competent bidder and facilitating the commencement of the work as early as possible and monitoring the progress of the work so that the project is completed on time. From this the actual intention of an authority can be judged. In a State Government like our Haryana Govt. what happens : projects are announced, then tenders are called and thereafter the process of awarding of the contract lingers indefinitely. The first two processes are done hastily, which is nothing but eyewash. Before awarding the contract, so many indoor meetings are held to assess the competence of the bidders. Here in this process, the authority has many discretionary powers to select the final one bidder and eliminate the others. But factually what happens in those meetings is just ascertaining that which bidder is willing to pay maximum commission (bribe) and fixing the share for each of the functionaries (from top officers to bottom). Once the commission, etc is finalized, then the said bidder is selected and others are rejected on some pretext or the other. The selection process, i.e. fixing the bribe amount takes so much time, viz not less than six months. By that time, due to cost escalation, the project cost is increased. Further, in the said office some new officers join on transfer, who have to shoulder the future responsibility of monitoring the implementation of the work. So, the new officers demand for their share also, resulting in increase in the number of shareholders (in the total bribe amount). The situation then demands from the selected bidder to increase the commission amount. The burden of cost escalation of the project and increase of the commission amount compels of the said bidder to backtrack from the project. Ultimately, either the project is scrapped or the process starts again ab initio, i.e. again project assessment, approval, sanction of enhanced budget, calling for tenders, etc. This is the reason why thousands of projects/schemes are announced every year in the Haryana Government and reached the dead end.
भास्कर न्यूजत्नफरीदाबाद
नहरपार ग्रेटर फरीदाबाद में डेवलप हो रहे सेक्टर के लिए बनाई जाने वाली मास्टर रोड के लिए चार कंपनियों में से एक का चुनाव किया जाएगा। यहां से हुडा अधिकारियों ने चारों कंपनियों के आवेदन मुख्यालय भेज दिए हैं। वहां एक कंपनी का नाम तय होगा। संभावना है मार्च में रोड का काम शुरू हो जाएगा।
प्रथम चरण में बनेगी ३१ किलोमीटर : प्रथम चरण में मास्टर रोड ३१ किलोमीटर बनाई जाएगी। इसके लिए २२५.९८ करोड़ का बजट तय किया गया है। रोड के लिए पांच कंपनियों ने आवेदन किए थे लेकिन एक कंपनी का किसी कारणवश नाम मुख्यालय नहीं भेजा गया। १५ फरवरी को सभी टेंडर खोले गए थे। जिन चार कंपनियों के नाम भेजे गए हैं उनमें केसी बिल्डकोन, जीआर गावर, रैनका और एमवीएल इंफ्रास्ट्रक्चर हैं। उम्मीद है एक सप्ताह में एक कंपनी का नाम तय हो जाएगा।
मास्टर रोड के तहत आने वाले गांव : नहरपार मास्टर रोड बनाने के लिए वजीरपुर, टीकावली, मुरताजापुर, नीमका, फैजपुर माजरा, भतौला, बड़ौली, पह्लादपुर माजरा, बुढ़ैना, खेड़ीखुर्द, फरीदपुर, खेड़ीकलां, रिवाजपुर, बादशाहपुर, पलवली, मवई, बसेलवा, भूपानी गांव की 1029 एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई है।
मास्टर रोड बनाने के लिए 226 करोड़ का ठेका
पहले चरण में बनेगी 31 किलोमीटर सड़क, शनिवार से कंपनी शुरू कर देगी मशीन शिफ्ट कराने का काम
नहरपार ग्रेटर फरीदाबाद में बिल्डर, निवेशकों व आसपास रहने वाले ग्रामीणों के लिए बड़ी खुशखबरी है। डेवलपमेंट में सबसे अहम कड़ी मानी जा रही मास्टर रोड के निर्माण का ठेका हुडा ने जीआर गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी को दे दिया है। अब कंपनी शनिवार से मास्टर रोड को बनाने का काम शुरू कर देगी। मास्टर रोड को लेकर दो साल से रस्साकसी का खेल जारी था लेकिन अब सभी अनिश्चितताओं के बादल छंट गए हैं।
नहरपार मास्टर रोड के लिए पूरी सड़क बनाने का ठेका नहीं दिया गया है। अभी सिर्फ प्रथम चरण का ठेका जीआर गावर कंपनी को दिया गया है। 225.98 करोड़ में 31 किलोमीटर सड़क बनाई जाएगी। मास्टर रोड को बनाने के लिए पांच कंपनियों ने रुचि दिखाई थी लेकिन एक कंपनी को दौड़ से पहले ही बाहर कर दिया था। चार कंपनियों में केसी बिल्डकोन, जीआर गावर, रैनका और एमवीएल इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल थी लेकिन जीआर गावर को इस काम के लिए चुना गया।
तालमेल बिठाए ब्रांच: हुडा प्रशासक ने अधीनस्थ ब्रांचों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं वे तालमेल बिठाकर इस योजना को सफल बनाएं। इस बारे में उन्होंने भूमि अर्जन शाखा, प्लानिंग विभाग, सर्वे ब्रांच के अधिकारियों से मीटिंग भी की। उन्होंने ब्रांचों के मुखिया को आदेश दिए हैं कि वे मास्टर रोड का निर्माण करने वाली कंपनी की हरसंभव मदद करें और निर्माण में बाधाओं का समाधान करें।
कैसा होगा प्रारूप: नहरपार 1029 एकड़ में मास्टर रोड के लिए कुल 52 किलोमीटर सड़कें बनाई जाएंगी। अधिकारियों के अनुसार मास्टर रोड चार प्रकार की बनाई जाएगी। सेक्टर्स के बाहर की सिक्स लेन बाइपास रोड की चौड़ाई 75 मीटर होगी, जबकि सेक्टर के चारों तरफ अंदर से गुजरने वाली फोर लेन सड़क की चौड़ाई 60 मीटर होगी। इसके अलावा फोन लेन 45-45 और 30-30 मीटर चौड़ी होंगी। पहले चरण में 30 किलोमीटर सड़क बनाई जाएगी। दो साल तक उक्त सड़क को बनाने का लक्ष्य रखा गया है। दूसरे चरण में सेक्टर-75-80 में उचित मुआवजे को लेकर चल रहा रगड़ा समाप्त होने के बाद सड़क का निर्माण शुरू किया जाएगा। नहरपार मास्टर रोड बनाने के लिए वजीरपुर, टीकावली, मुरताजापुर, नीमका, फैजपुर माजरा, भतौला, बड़ौली, पहलादपुर माजरा, बुढ़ैना, खेड़ीखुर्द, फरीदपुर, खेड़ीकलां, रिवाजपुर, बादशाहपुर, पलवली, मवई, बसेलवा, भूपानी गांव की जमीन अधिग्रहण की गई है।
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