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नहर पार बन रहे प्रोजेक्टों पर लटकी तलवार
Story Update : Thursday, June 07, 2012 12:01 AM
फरीदाबाद। नहर पार प्राइवेट बिल्डिरों द्वारा विकसित किए जा रहे प्रोजेक्टों पर संकट छा गया है। अभी तक इन प्रोजेक्टों को पूरा होने में किसान ही रास्ते का रोड़ा साबित हो रहे थे। लेकिन प्राइवेट बिल्डिरों ने पर्यावरण अनापत्ति प्रमाण पत्र न लेकर खुद अपने रास्ते में अड़चन पैदा कर दी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसे लेकर 20 बिल्डरों को नोटिस जारी कर दिए हैं और एक सप्ताह में पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज करा दी जाएगी।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, नहर पार बनाए जा रहे अधिकतर प्रोजेक्टों में पर्यावरण को ताक पर रख दिया गया है। इससे भविष्य में पर्यावरण पर भी काफी नकारात्मक प्रभाव पडे़गा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, 20 हजार स्क्वायर फीट में फैले किसी भी प्रोजेक्ट को बनाने से पहले पर्यावरण मंत्रालय से पर्यावरण अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल करना होता है, जिसकेलिए बिल्डरों को मंत्रालय के समक्ष यह साबित करना होता है कि उनके द्वारा बनाए जा रहे किसी भी प्रोजेक्ट से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचेगा और न ही वहां पर रहने वाले लोगों को किसी तरह की परेशानी होगी। लेकिन कई बिल्डरों ने बिना पर्यावरण अनापत्ति प्रमाण पत्र के ही काम शुरू कर दिया। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी सूचित नहीं किया गया। इसलिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ऐसे 20 बिल्डरों को नोटिस जारी कर दिया है।
नहर पार हैं कई प्रोजेक्ट
नहर पार ग्रेटर फरीदाबाद में न केवल हुडा द्वारा बल्कि प्राइवेट बिल्डरों के भी प्रोजेक्ट चल रहे हैं। जिसमें विला और फ्लैटों का निर्माण किया जा रहा है। इन प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए किसानों की कृषि योग्य भूमि को भी अधिगृहीत किया गया है। जिला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक हरिश्चंद्र ने बताया कि किसी भी बिल्डिंग को तैयार करने के दौरान कई तरह के कण हवा में मिलते है, जिससे आसपास रहने वाले लोगों को भी काफी नुकसान होता है। इसलिए पर्यावरण मंत्रालय द्वारा पर्यावरण अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने का नियम जारी किया गया है।
बिल्डरों पर होगा केस दर्ज
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी एस बुद्धिराजा ने बताया कि एक माह पूर्व चंडीगढ़ मुख्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र को चेक करने के बारे में निर्देश आए थे। तब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 20 बिल्डरों से प्रमाण पत्र जमा कराने को कहा गया था। लेकिन किसी भी बिल्डर ने प्रमाण पत्र जमा नहीं कराया, जिसके बाद पूरी रिपोर्ट चंडीगढ़ मुख्यालय भेज दी गई। जहां से इन सभी बिल्डरों को नोटिस भेजने का आदेश दिया गया। उन्होंने बताया कि एक सप्ताह के भीतर अगर बिल्डर अपना प्रमाण पत्र जमा नहीं करवाता है तो उस पर केस दर्ज करवा दिया जाएगा। केस के निपटने तक काम को भी रोका जाएगा।
बिल्डरों को दिए गए नोटिस --20
कितने बिल्डरों का चल रहा है काम -30
बन रहे फ्लैट-50 हजार
dheerajjain wrote:I agree with dube_s. When projects are near completion, Environment Department is sending notices to colonizers. Where were they for the last 6 years? Intention of department looks bad. Also, why are they asking colonizers to provide them proof of environment clearance? Why can't they check their own records? I am sure most of colonizers will be having evironment clearance as they are NOT fools. This is an another example of exploitation and high handedness by Govt. department.
चार बिल्डरों को दिया नोटिस
Story Update : Sunday, June 10, 2012 12:01 AM
फरीदाबाद। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पर्यावरण को ताक पर रखने व नियमों की अनदेखी करने वाले बिल्डरों के खिलाफ कडे़ कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, जिसके तहत बोर्ड ने 4 बिल्डरों को एनओसी न लेने पर नोटिस जारी कर दिया है।
जिस निर्माणाधीन बिल्डिंग का एरिया 20 हजार स्क्वायर फिट से अधिक होता है, उसे बिल्डिंग बनाने से पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी लेनी पड़ती है। गौरतलब है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नहर पार के 20 बिल्डरों को भी ऐसे ही मामले में पिछले दिनों नोटिस जारी किया गया था।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी एस बुद्धिराजा ने बताया कि चार बिल्डरों को और नोटिस दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक टीम पूरे फरीदाबाद में सर्वे कर रही है। जहां पर भी बडे़ प्रोजेक्ट का काम चल रहा है। उनसे एनओसी दिखाने के लिए कहा जा रहा है।
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