Follow @Myfaridabad |
Site Announcements |
---|
Invitation to RPS SAVANA Allottees to join Case in NCDRC against RPS Infrastructures Ltd Have you submitted a rating and reviewed your project? Rate & Review your project now! Submit your project and review. Read Reviews! Share your feedback! ** Enhanced EDC Stayed by High Court ** Forum email notifications...Please read ! Carpool from Greater Faridabad to Noida Carpool from Greater Faridabad to GGN |
abhimad wrote:Please restrict the discussion only to Neher Paar master roads construction and updates.. ... General issues like Sellers deficiencies in providing services etc. can be discussed in the appropriate forums...
rkthakkar wrote:@naveenarichwal - Question from Manoj Kaushik was claim on delayed possession charge after signing the indemnity bond not the Excess Charge!
In plain terms, if a person sign indemnity bond that he/she has verified flat/plot and satisfied with the services/development offered and would not raise any monetary claim against builder, it would be difficult for him/her to get relief from Consumer Forum/Court.
However, even after signing indemnity bond, customer can challenge it in appropriate forum/court because the indemnity bond is one sided and illegal. As far as practical angle is concerned, for example delayed possession claimed against the builder, it would take year or so for a district consumer forum to decide and builder can challenge the order against him at State Forum which will further take one year or so. The customer has to hire a lawyer or devote his/her time pursue the case which is cumbersome.
It would be more practical/viable, if the association could take up this matter collectively for all customers of particular builder for delayed possession charges etc. on reasonable charges per member.
मूलभूत सुविधाओं के लिए किया प्रदर्शन
Apr 7, 2014, 08.00AM IST
एक संवाददाता, ग्रेटर फरीदाबाद
रविवार को ग्रेटर फरीदाबाद स्थित सेक्टर 86 के एक रेजिडेंट्स वेलफेयर असोसिएशन ने सेक्टर में मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान मौजूद पदाधिकारियों ने कहा कि मास्टर सीवर का काम भी हूडा नहीं कर पा रहा है क्योंकि बिल्डर द्वारा वहां पर अतिक्रमण किया गया है। इस पर बिल्डर कंपनी के डायरेक्टर ने लोगों को आश्वासन दिया कि हूडा प्रशासक से मिल कर इस समस्या का समाधान करवा दिया जाएगा।
रेजिडेंट्स वेलफेयर असोसिएशन के प्रधान चंद्रमोहन कथूरिया, ए के गौड़, रोहित व विषाल सक्सेना ने बताया कि सेक्टर 86 स्थित एक हाउसिंग प्रोजेक्ट में लगभग 12 सौ परिवार रहते है। लेकिन इन परिवारों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलती है। सेक्टर में सीवर, स्ट्रीट लाइट की सुविधा नहीं है। मास्टर सीवर का काम भी अभी तक पूरा नहीं किया गया है। क्योंकि सीवर लाइन के ऊपर बिल्डर कंपनी ने कब्जा किया हुआ है। इस समस्या के समाधान के लिए आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों ने सीएम, चीफ सेक्रेटरी हरियाणा व हूडा प्रशासक को लेटर के माध्यम से शिकायत भी दी, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। इसी कारण रविवार को लोगों ने प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। जिस पर कंपनी के डायरेक्टर वहां पहुंचे और आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की। उन्होंने कहा कि मास्टर सीवर के काम को हूडा प्रशासक से मिल कर जल्द शुरू करवा दिया जाएगा। इसके अलावा जो अतिक्रमण किया गया है उसे भी जल्द हटवा लिया जाएगा।
सेक्टर-75 और 80 के किसानों को मिला स्टे
नवभारत टाइम्स | May 31, 2014, 04.05AM IST
एनबीटी न्यूज, फरीदाबाद
ग्रेटर फरीदाबाद में सेक्टर-75 और 80 के किसानों ने नई भूमि अधिग्रहण नीति के तहत मुआवजा लेने की मांग करते हुए हाई कोर्ट में सरकार के खिलाफ याचिका दायर की थी। साथ ही मांग की थी कि जब तक कोर्ट कोई फैसला न ले ले, तब तक उनकी जमीन पर कोई विकास कार्य न किया जाए। इस पर कोर्ट ने संबंधित विभाग को सितंबर महीने की 9 तारीख तक कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं। साथ ही तब तक सेक्टर-75 और 80 में यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं।
नहर पार किसान संघर्ष समिति के कार्रकारी अध्यक्ष शिवदत्त वशिष्ठ ने बताया कि सरकार ने नहर पार के पांच गांवों बडौली, प्रहलादपुर, मिर्जापुर, भतौला और सिही के किसानो की जमीन को जबरदस्ती से अधिग्रहित कर लिया था। पांच साल हो गए हैं, लेकिन अभी तक किसानों ने अपनी जमीन का मुआवाज भी नहीं उठाया है। साथ ही अपनी जमीन पर सरकार को कब्जा भी नहीं दिया है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने पिछले साल नई भूमि अधिग्रहण नीति लागू कर दी है, जिसके तहत जिन किसानों की जमीन पांच साल पहले अधिग्रहण हुई थी और उन्होंने अपना मुआवाज नहीं उठाया, उन लोगों को नई भूमि अधिग्रण नीति के तहत मुआवाज दिया जाए।
Users browsing this forum: No registered users and 13 guests